सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफ़ाई कर्मचारी आर-पार के मूड में हैं. कलेक्ट्रेट गार्डन में जुटे सभी ज़िला पदाधिकारियों ने आगे के आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई. आठ नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर सकते हैं. इसके साथ झीरम घाटी से रायपुर के लिए पैदल यात्रा निकलेगी.

सफ़ाई कर्मचारियों ने कहा कि 2300 रुपया प्रतिमाह सैलरी में काम करने को मजबूर है. उन्होंने नियमितीकरण के साथ वेतन वृद्धि की मांग की है. मंत्री विधायक से पूछे सवाल उनके बंगले में बैठे कुत्ते का ख़र्च 10-20 हज़ार तो हम 2300 रुपये में कैसे चलाएँ परिवार? इस अवसर पर सफ़ाई कर्मचारियों ने आर पार या काटोरा या कार का नारा दिया.

अंशकालीन स्कूल सफ़ाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश साहू ने कहा कि हमारी माँग पूर्णकालिक किए जाने की है. कई सालों से अपनी माँग को लड़ाई लड़ रहे कांग्रेस के घोषणा पत्र में वादा किया गया था कि लेकिन आज तक हमारी माँग की पूर्ति नहीं हुई है. आज राजधानी में जुटे सभी जिला पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि 30 अक्टूबर के बाद हम झीरम घाटी से राजधानी के लिए पैदल यात्रा निकालेंगे, जिसमें प्रदेशभर के 47 हज़ार सफ़ाई कर्मी शामिल होंगे. फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा.

वहीं सरस्वती वाल्मीकि ने कहा कि 2000 से 2300 रुपया प्रतिमाह भुगतान किया जाता है. इतने कम रुपयों में घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है. हम सरकार से मंत्रियों से विधायकों से पूछना चाहते हैं कि उनके घर में बंधे कुत्तों का ख़र्चा 10-20 हज़ार होता है, तो हम 2300 रुपया में अपने घर कैसे चला सकते हैं?

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आंदोलन की रणनीति बनाते हुए सफाईकर्मियों ने आर या पार, कटोरा या कार का नारा दिया. नारे को स्पष्ट करते हुए कहा कि सालों से लड़ाई डर रहे हैं, आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है. कमेटी गठित कर हमारे साथ धोखा किया जा रहा है. अब हम आरपार की लड़ाई करने वाले हैं. या तो हमें पूर्णकालिक किया जाए या तो पद को ख़त्म कर दिया जाए.

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