सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में शासकीय उचित मूल्य दुकानों (PDS) के संचालक अपने लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर हड़ताल की कगार पर हैं। प्रदेशभर के लगभग 15,000 राशन दुकानदार पिछले कई महीनों से अनेक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इस बीच आज छत्तीसगढ़ PDS संचालक संघ ने राजधानी में 17 सूत्रीय मांगों को लेकर एकदिवसीय प्रदर्शन किया।

संघ के अध्यक्ष नरेश बाफना के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में दुकानदारों ने वन नेशन वन राशन कार्ड के बाद रजिस्टर की बाध्यता समाप्त करने, खाद्यान्न वितरण में सुखद एवं खराब होने वाले अनाज की क्षतिपूर्ति कम से कम 1 प्रतिशत देने, बारदाना के उठाव और भुगतान को नियमित करने, ई-पॉश मशीन और सर्वर की समस्याओं का समाधान करने, और राशन उत्सव में लगे अतिरिक्त कर्मचारियों का भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की।
इसके अलावा, उन्होंने अन्य राज्यों की भांति CGFSA की कमीशन राशि प्रति क्विंटल कम से कम ₹200 किए जाने की मांग की। संचालकों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को तीन महीने के भीतर नहीं माना गया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले बीते 8 सितंबर को PDS संचालक संघ ने मुख्यमंत्री को आवेदन भेजकर धरना प्रदर्शन की जानकारी दी। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले साल (2024) की मांगों पर विभाग ने सहमति दी थी, लेकिन आज तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ।
दुकानदारों को इन परेशानीयों का करना पड़ रहा सामना
- E-पॉश मशीन में सर्वर की धीमी गति के कारण वितरण में परेशानी।
- जून से अगस्त 2025 तक के तीन माह का राशन एक साथ वितरण करना, जिससे भंडारण और समय की समस्या के अलावा कर्मचारियों का अतिरिक्त भुगतान भी दुकानदारों को करना पड़ा।
- मई 2025 से सितंबर 2025 तक की मार्जिन मनी (कमीशन) अब तक नहीं मिली।
- वर्ष 2024 से बारदाना का भुगतान लंबित।
- M2 पद्धति से आबंटन में सुधार की आवश्यकता।
- शक्कर और अन्य वस्तुओं का उचित कमीशन सुनिश्चित करने की मांग।
- राशन दुकानों के लिए अन्नपूर्णा भवन बनाने की मांग ताकि किराया न देना पड़े।
- अधिकारियों द्वारा झूठे प्रकरण और F.I.R. की धमकियों को रोका जाए।
छत्तीसगढ़ PDS संचालक संघ द्वारा लंबित मांगो को लेकर CM साय को लिखा पत्र



अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी
संघ ने चेतावनी दी है कि अगर इन मांगों का समाधान तत्काल नहीं हुआ तो सभी दुकानदार वितरण बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी विभाग की होगी।
गौरतलब है कि संचालकों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो यह न केवल दुकानदारों के लिए बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी गंभीर असर डाल सकता है। राशन वितरण में बाधा गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सीधे प्रभावित करेगी।
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