विशाखापट्टनम की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी एक फैक्ट्री में जहरीली गैस का रिसाव हुआ है. फिर भी फैक्ट्री मालिक और प्रबंधन ने पुलिस प्रशासन से घटना की जानकारी छुपाकर रखी.

भूपेंद्र चौहान,रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तेतला गांव के शक्ति पेपर मिल में जहरीली गैस के रिसाव से 7 मजदूर चपेट में आए है. जिसमें से 3 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. तीनों को रायगढ़ से रायपुर रिफर किया गया है.

कोरोना लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के सभी उद्योगों को बंद करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सरकार ने कुछ दिन पहले ही एक नया आदेश जारी कर उद्योगों को खोलने का कुछ शर्तों के साथ परमिशन दिया है. जिसके बाद रायगढ़ के ग्राम तेतला में शक्ति पेपर मिल मालिक दीपक गुप्ता कुछ मजदूरों से साफ सफाई का काम करवा रहा था. इसी दौरान जहरीली गैस लीक हो गया.

घटना बुधवार दोपहर 3 बजे की बताई जा रही है. इसके बावजूद फैक्ट्री मालिक ने इसकी जानकारी तक पुलिस प्रशासन से छुपाई और मामले को दबाने की कोशिश की. ऐसे में संचालक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि शक्ति पेपर मिल में बुधवार को साफ सफाई के दौरान 7 मजदूर घायल हो गए थे, जिन्हें संजीवनी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. जिसकी जानकारी हमें आज मिली है. घटना को छुपाने के लिए पेपर मिल के मालिक के ऊपर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. इस जहरीली गैस घटना में शक्ति पेपर मिल में सुरक्षा मानकों की भी जांच की जाएगी.

वहीँ इस मामले में संजीवनी नर्सिंग होम प्रबंधन ने बताया की तत्काल इस मामले की जानकारी पुलिस को उन्होंने दे दी थी. जिसका दस्तावेज भी उन्होंने लल्लूराम डॉट कॉम के साथ साझा किया है.

मुख्यमंत्री बघेल ने इस घटना पर चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि लाॅकडाउन के बाद फिर से शुरू किए जा रहे कारखानों में सुरक्षा संबंधी सभी एहतियाती उपायों का गंभीरतापूर्वक पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उन्होंने गैस रिसाव से प्रभावित सभी मजदूरों को बेहतर से बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए है.

बता दें कि आज ही आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के आरआर वेंकटपुरम में एलजी पॉलिमर कंपनी से खतरनाक जहरीली गैस के रिसाव से 10 लोगों की मौत हो गई है. करीब 800 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए है. जबकि 5 हजार से अधिक लोग गैस की चपेट में आए है. गैस प्रभावित क्षेत्र से 5 गांवों के कुल 1500 घरों को खाली कराया गया है.