प्रतीक चौहान. रायपुर. महासमुंद के खल्लारी थाना पुलिस ने गुरूवार को खुलासा किया था कि उन्होंने 1 करोड़ से अधिक का रेलवे का चोरी हुआ लोहा 2 ट्रक चालकों के पास से जब्त किया है.
इस कार्रवाई की सूचना जैसी ही दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के आरपीएफ अधिकारियों के पास पहुंची सबके कान खड़े हो गए और देर रात तक अधिकारी इस कार्रवाई को लेकर जानकारी एकत्र करते रहे, लेकिन इस मामले में अब आरपीएफ अधिकारियों के लिए एक राहतभरी खबर है. जिसकी पड़ताल लल्लूराम डॉट कॉम ने की.
लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने खल्लारी थाने पहुंच कर मामले की पूरी जानकारी पुलिस अधिकारियों से ली. जिसमें पता चला कि महासमुंद के तेलीबांधा स्थित रणजीत ढ़ाबा से पुलिस ने कथित रूप से रेलवे का 2 ट्रक स्क्रैप बरामद किया, इसमें एक कबड़ी को भी हिरासत में लेकर कार्रवाई की. पुलिस की जांच में पता चला कि उक्त ढ़ाबे की आड़ में पिछले कुछ दिनों में ट्रकों से आने-जाने वाले स्क्रैप उतारे जाते थे. जिसनी सूचना पुलिस को मिलते रहती थी. लेकिन कभी कोई पुख्ता सबूत इसके पुलिस को नहीं मिले.
गुरूवार को भी वहां ट्रक क्रमांक सीजी 04 एनएच 9532 और सीजी 11 एल 9006 से कथित रेलवे का स्क्रैप पहुंचा था. वहां ढ़ाबे के पास ट्रक के ड्राइवरों ने चोरी छिपे पैसों की लालच में कुछ स्क्रैप उतारा, जिसकी भनक खल्लारी थाना पुलिस को लगी और टीम ने बिना देरी किए कार्रवाई की. जिसमें एक ट्रक का ड्राइवर फरार हो गया.
रेलवे के स्कैप चोरी होने की जानकारी जैसे ही आरपीएफ के उच्च अधिकारियों को मिली उन्होंने भी अपनी टीम ये जांच करने के लिए भेजी की ये लोहा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन का तो नहीं है ? सूत्र बताते है कि प्रथम दृष्टया इसे देखने से ये लग रहा है कि ये भारतीय रेलवे का स्कैप नहीं है, बल्कि दूसरे देश की रेलवे का ये स्कैप लग रहा है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों की जांच के बाद होगा.
लेकिन अभी तक किसी भी रेल मंडल ने अपने क्षेत्र में इतनी बड़ी मात्रा में रेलवे के स्क्रैप चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है. यही कारण है कि किसी भी रेलवे अधिकारी ने आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है कि ये लोहा भारतीय रेलवे का है या नहीं. इस दावे के पीछे कुछ ऐसे तथ्य सामने आए है. सूत्र बताते है कि रेलवे बोगी के चक्के को कभी नहीं निलाम करता है. वहीं भारतीय रेलवे का यदि ये स्क्रैप या चोरी हुआ लोहा होता तो चक्का के साइज भी गोलाई में अलग होता.
वहीं ट्रैक में लगने वाले पेंडल भी दोनो साइड से गोल और बड़ा होता है, यहां जो स्क्रैप पुलिस ने जब्त किया है उसका एक हिस्सा चेप्टा है. हालांकि बिना इंजीनियरिंग विभाग की जांच के बिना इसकी कोई पुष्टि नहीं की जा सकती है कि ये भारतीय रेलवे का लोहा है या नहीं. वहीं प्रारंभिक जांच केवल स्कैप के ऊपरी हिस्से को देखकर की गई है.
जबकि ट्रैक में स्कैप पूरी तरह लोड है. सूत्र बताते है कि इस स्क्रैप को रायपुर लाने की तैयारी थी, हालांकि इसे कहा लाया जाना था इसकी कोई जानकारी ड्राइवरों ने पुलिस को नहीं दी है, बस वे ये बता रहे है कि रायपुर के सिलतरा, धरसींवा और गोगांव में इसे उतारने की जानकारी उन्हें दी गई थी. महासमुंद पुलिस की प्रारंभिक जांच में भी ड्राइवरों ने ये जानकारी उन्हें दी गई है कि वे स्क्रैप विशाखापट्नम से लेकर आ रहे थे, इसलिए भी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की आरपीएफ ये कयास लगा रही है कि संभवतः ये स्क्रैप पोर्ट से लाया जा रहा हो ? Also Read: ये था महासमुंद पुलिस का खुलासा….
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