रायपुर। देशभर में कई  युवाओं की जान लेने वाले  ब्लू गेम के खिलाफ प्रदेश की पुलिस ने जागरुकता अभियान शुरू कर दिया है. इस क्रम में छत्तीसगढ़ पुलिस ने मीडिया से भी सहयोग मांगा है.

 

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर.के. विज ने शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एक पत्रवार्ता ली, जिसमें इस जानलेवा गेम से दूर रहने आग्रह किया.  एडीजी ने इस खतरनाक गेम के बताया. उन्होंने मीडिया से भी इस गेम के खिलाफ सहयोग देने की अपील की.

एडीजी विज ने बताया कि इस गेम का टारगेट टीनएजर्स ही मुख्य टारगेट है.  मोबाइल के ज़रिए व्हाट्सएसप और फ़ेसबुक के ज़रिए एक लिंक भेज जाता है. उन्हें टास्क दिया जाता है. जिसके ज़रिए एक तरह का इंस्ट्रक्शन मिलता है.  अगर कोई इस तथाकथित गेम द्वारा दिए गए टास्क को छोड़ता है तो उन्हें डराया धमकाया जाता है. उन्होंने परिजनों और शिक्षकों को बच्चों पर निगरानी रखने का आग्रह किया है. इसके पीड़ितों के लिए पुलिस ने एक काउंसलिंग की व्यवस्था भी की गई है.

छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस खतरनाक गेम के खिलाफ जागरुकता अभियान शुरू किया है. जिसके अंतर्गत लोगों को पांपलेट बांटकर इसके खिलाफ अागाह किया है. जिसमें किशोरवय के बच्चों को इससे दूर रखने के उपाय बताए गए हैं. पर्चे में पालकों से अपील की गई है कि वे अपने बच्चों खासकर 12 से 19 वर्ष की अायु वालों पर विशेष नजर रखने की सलाह दी गई है. क्योंकि इसी अायु समूह के बच्चों को ही इस गेम के प्रशासक द्वारा टारगेट बनाया जा रहा है. पालकों को सलाह दी गई है कि यदि उनका बच्चा कंप्यूटर से इंटरनेट का उपयोग कर रहा है तो यह सुनिश्चित करें कि संबंधित साइट अनैतिक तो नहीं है. अभिभावक समय-समय पर इंटरनेट के दुष्प्रभाव के बारे में अपने बच्चों से चर्चा करें। किसी तरह की परेशानी होने पर पुलिस भी सहयोग को तत्पर है, जिसके लिए 100 पर डायल कर मदद ली जा सकती है.