हेमंत  शर्मा, रायपुर। सूबे में जवानों की आत्महत्या और आपसी खूनी झड़प के बढ़ते मामलों के बीच अब छत्तीसगढ़ पुलिस तनाव कम करने डॉक्टरों और मनोचिकित्सकों की मदद लेगी। मामले में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद डीजीपी डीएम अवस्थी ने मंगलवार को विभाग के आला अधिकारियों और मनोचिकित्सकों के साथ पीएचक्यू में एक बैठक की। बैठक में जवानों पर बढ़ते मानसिक दबाव को विचार विमर्श किया गया और मानसिक तनावों को दूर करने रुपरेखा बनाई गई.

बैठक में जो रुपरेखा तय की गई उसके मुताबिक डीजीपी डीएम अवस्थी सहित छत्तीसगढ़ पुलिस के सभी वरिष्ठ अफसर अब जवानों से मिलकर उनका मानसिक दबाव कम करेंगे इसके साथ ही मनोचिकित्सकों की भी सेवाएं ली जाएगी. बैठक में एडीजी अशोक जुनेजा, आईजी दुर्ग, आईजी बिलासपुर, आईजी रायपुर, एआईजी मयंक श्रीवास्तव और एआईजी राजेश अग्रवाल मौजूद थे.

डीजीपी डीएम अवस्थी ने बैठक को लेकर बताया कि एक लंबी बैठक हमारी अधिकारियों और मनोचिकित्सक थे उनके साथ हुई है. मुख्यमंत्री ने मुझे निर्देशित किया है कि ऐसी मैकेनिजम डेवलप की जाए कि जो हमारे जवान आत्महत्या कर लेते है या ऐसी घटनाएं हो जाती है उन पर रोक कैसे लगे. इस विषय में बहुत सारे विचार आए है और एक मैकेनिजम एक्शन प्लान बनाया है जिसकी डिटेल्स शाम तक जारी की जाएगी. जो सबसे मूल परपस हमारा है वो यह है कि हम आगामी 30 से 40 दिनों में हर जवान और कंपनियों तक पहुचने की रिच हो हर थाने तक पहुंच जाए और उनके अंदर इस प्रकार के कोई विकार आ रहे है तो कैसे उसे हम तुरंत दूर कर सकते हैं. इस संबंध में बहुत विस्तार से चर्चा हुई है. सभी एसपी, कमाण्डेन्ट को आज शाम ही निर्देश दिए जाएंगे. जिस तरह की योजनाएं हम लोगो ने आज बनाई है उसकी शुरुआत इसी सफ्ताह से करेंगे. सभी वरिष्ठ अधिकारियों को मेरे द्वारा यह निर्देश जारी किया जा रहा है और मुख्यमंत्री की आशा के अनुरूप उद्देश्य हमारा यह है कि हमारा कोई जवान आत्महत्या न करे और न इस प्रकार की गतिविधियों में हो उसके अंदर जो अवसाद यदि है तो प्रोफेशनल डॉक्टर और मनोचिकित्सक की मदद लेकर के उसका ट्रीटमेंट कराये ऐसी व्यवस्था की जा रही है.