छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में बने क्वारंटाइन सेंटर में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. दूसरे राज्य से मजदूर अपने घर के लिए लौट रहे है, लेकिन उन्हें एहतियातन क्वारंटाइन सेंटर में रखना पड़ रहा है. जहां से उन्हें मौत अपने घर ले गई. क्वारंटाइन सेंटरों में अलग-अलग कारणों से अब तक दर्जन भर से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. बड़ा सवाल यही है कि इसका जिम्मेदार कौन है ? क्या इलाज के आभाव में इनकी मौत हो रही है ?

बालोद जिले के टटेंगा भरदा क्वारंटाइन सेंटर में माँ-बाप के साथ रह रहे 5 महीने के बच्चे की अचानक तबियत बिगड़ गई. उसे जिला कोविड-19 अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया. स्वास्थ्य विभाग एहतियातन माँ-बाप के सामने परिजन के हाथ से बच्चे का शव लेकर अस्पताल से निकल गए. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. मौत की वजह साफ नहीं हो पाई है.

वही गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के धरनीधोड़ा गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रही 8 महीने की गर्भवती महिला की आज सुबह मौत हो गई. महिला 14 मई को अपने पिता के साथ तेलंगाना से वापिस लौटी थी. जब वह क्वारेंटाइन सेंटर पहुंची, तो उसकी तबीयत खराब हो गई थी, उसे तत्काल मेकाहारा में भर्ती कराया गया था. 21 मई को तबीयत ठीक होने के बाद वह वापिस क्वारेंटाइन में रह रही थी.

फिलहाल कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने महिला और बच्चा दोनों का कोरोना सैंपल ले लिया है. पोस्ट मार्टम और जांच रिपोर्ट आने के बाद मौत की असल वजह का पता चल पाएगा.