रायपुर. देश में कोरोना वायरस COVID-19 के संक्रमण के कारण देशव्यापी लॉकडाऊन से देश की औद्योगिक संस्थानों के बंद होने से आर्थिक गतिविधियां भी बंद है. बंद आर्थिक गतिविधियों को फिर से गति प्रदान करने के लिए शासन के प्रयासों के तहत सोमवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के विकास आयुक्त राममोहन मिश्रा ने सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के उद्योग सचिवों से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की.

छत्तीसगढ़ राज्य में अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने राज्य के उद्योगों को लॉकडाऊन अवधि के दौरान श्रमिकों को भुगतान किये जाने पर उद्योगों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करने भारत सरकार से मदद करने का अनुरोध किया. पिंगुआ ने विकास आयुक्त से अनुरोध किया कि प्रदेश के उद्योगों द्वारा विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों जैसे- भिलाई इस्पात संयंत्र, एनएमडीसी, एनटीपीसी, रेलवे आदि को सप्लाई किये गये ऑर्डर का लंबित भुगतान तत्काल किये जाने की व्यवस्था करने तथा भविष्य में प्रदाय किये जाने वाले वर्क ऑर्डर के साथ 30 प्रतिशत राशि अग्रिम भुगतान किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. प्रमुख सचिव ने प्रदेश के उद्योगों द्वारा लिये गये टर्मलोन एवं कार्यशील पूंजी ऋण पर बैंकों द्वारा लिये जा रहे ब्याज की दरों को आधा किये जाने एवं मासिक किश्तों की वसूली को कम से कम 6 माह के लिए स्थगित किये जाने का अनुरोध किया.

प्रमुख सचिव पिंगुआ ने विकास आयुक्त से यह भी अनुरोध किया कि प्रदेश के उद्योगों को एसईसीएल, एनएमडीसी से प्राप्त होने वाले कोयला एवं लौह अयस्क के लिए पूरी राशि एडवॉस में भुगतान की वर्तमान व्यवस्था को परिवर्तित कर प्रति माह आवश्यक कच्चे माल की राशि का 50 प्रतिशत राशि एडवॉस भुगतान पर कच्चा माल प्रदान कर शेष राशि कच्चा माल प्रदाय के 15 दिनों बाद प्राप्त की जाये.

पिंगुआ ने विकास आयुक्त से मांग की कि केन्द्र सरकार बुनियादी अधोसंरचना निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करे, ताकि कोर सेक्टर के उद्योगों के उत्पादों की मांग में वृद्धि हो. साथ ही केन्द्रीय सचिव से प्रदेश के उद्योगों को लॉकडाऊन के कारण आवश्यक अतिरिक्त कार्यशील पूंजी को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को सरल बनाने रिजर्व बैंक से चर्चा करने का सुझाव भी दिया. विकास आयुक्त द्वारा राज्य शासन के सुझावों पर चर्चा कर उचित कार्यवाही का आश्वसन दिया. इसके लिए उन्होंने प्रमुख सचिव से लिखित में सुझाव प्रेषित करने कहा, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए राज्य शासन द्वारा केन्द्र को पत्र प्रेषित किया गया.

उद्योग संचालनालय द्वारा प्रदेश के जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधकों से लॉकडाऊन समाप्ति के बाद विभिन्न शर्तों के साथ उद्योगों में उत्पादन प्रारंभ करने के लिए सहमति पत्र प्राप्त किये जाने की प्रक्रिया में 13 अप्रैल के शाम 4 बजे तक प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक संघों सहित 1000 से अधिक औद्योगिक इकाईयों द्वारा सहमति पत्र राज्य के समस्त जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों में प्रस्तुत कर दी गई है.