रायपुर. छत्तीसगढ़ में सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने घोषणा पत्र का ऐलान कर दिया है. कुछ पार्टी ने किसानों के हित में अपना घोषणा पत्र रखा है तो वहीं बीजेपी ने किसानों के लिए 2018 में सरकार बनने पर किसानों का धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का कोई वायदा नहीं किया है. जिस वजह से प्रगतिशील किसान संगठन ने किसानों से अपील की है कि भाजपा को वोट न दे और किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए अपना वोट दें.

भाजपा को वोट नहीं देने के बताए कारण…

  • सरकार बनने पर किसानों का धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का कोई वायदा नहीं किया है.
  • भाजपा ने 2013 के विधानसभा चुनाव में 21 सौ रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य, पांच साल 3 सौ रुपये बोनस, सिंचाई पंपों को निशुल्क बिजली देने, बेहतर फसल बीमा योजना लागू करने का वायदा पूरा नहीं किया.
  • धान का एक एक दाना खरीदने का वायदा करने के बाद प्रति एकड़ 20 क्विंटल को 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद कम करके 15 क्विंटल कर दिया, प्रयास 10 क्विंटल करने का किया था.
  • केंद्र में 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद, बिना सहमति के किसानों की जमीन को छीनने के लिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को संशोधित करने के लिए तीन बार अध्यादेश लाया था जिसे किसानों ने विफल कर दिया.
  • छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन ने सभी राजनीतिक दल को 10 सूत्रीय किसान एजेंडा दिया था जिसे तवज्जों न देकर भाजपा ने पूरी तरह नकार दिया.
  • 2018 के चुनाव घोषणा पत्र में भाजपा ने सरकार बनने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में किसानों का धान खरीदी करने का कोई वायदा नहीं किया है अर्थात् सरकार बनने के बाद भाजपा सरकार किसानों का धान खरीदेगी यह संदिग्ध है.
  • भाजपा ने 2018 के चुनाव घोषणा पत्र में स्वामीनाथन आयोग की अनुसंशा लागू करने का वायदा नहीं किया है.
  • भाजपा के घोषणा पत्र में किसानों का कर्ज माफ करने का वायदा नहीं किया गया है, जबकि यूपी सहित अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐसा वायदा किया था.
  • भाजपा के विधायकों ने 2013 के चुनाव घोषणा पत्र में किसानों से किए गए वायदों को पूरा कराने के लिए सरकार पर कोई दबाव नहीं डाला.