Chhattisgarh Rajya Utsav 2025: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर अब पारंपरिक उद्योगों से आगे बढ़कर डिजिटल युग की ओर कदम बढ़ा रही है. एक समय था जब छत्तीसगढ़ की पहचान सिर्फ इस्पात, कोयला, सीमेंट और कृषि से जुड़ी होती थी. राज्य के औद्योगिक मानचित्र पर भिलाई स्टील प्लांट, बालको और कोरबा के ताप विद्युत संयंत्र प्रमुख स्थान रखते थे. लेकिन पिछले एक दशक में छत्तीसगढ़ ने अपनी विकास यात्रा में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और नवाचार आधारित उद्यमशीलता की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाया है.


प्राकृतिक खनिज जैसे लौह अयस्क, स्टील, कोयला, पावर, सीमेंट के लिए पहचान रखने बाला छत्तीसगढ़ अब इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सेक्टर में भी तेजी से विकास कर रहा है. आने वाले कुछ ही वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था, शिक्षा, रोजगार और निवेश, सभी पर गहरा असर डालेगा. नया रायपुर में स्मार्ट सिटी के निर्माण के साथ अब देश का पहला एआई-आधारित डेटा सेंटर विकसित किया जा रहा है. इससे प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी के मानचित्र पर प्रमुख स्थान हासिल करने की दिशा में आग्रसर है. राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति 2024-30 में आईटी और सेवा क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दी गई है. (Chhattisgarh Rajya Utsav 2025)
आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विस्तार
वर्तमान में छत्तीसगढ़ का आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विस्तार पा रहा है. नया रायपुर को डेटा सेंटर हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 1000 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है. रायपुर में पर्याप्त भूमि, मजबूत नेटवर्क कनेक्टिविटी और स्थिर प्रशासनिक नीतियां इसे निवेश के लिए आकर्षक बनाती हैं. हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं. कुशल तकनीकी जनशक्ति, वेंचर कैपिटल की उपलब्धता और उच्च गुणवत्ता वाली बॉडबैंड सेवाओं पर काम करने की जरूरत है.
आईटी सेक्टर के विकास से सभी को लाभ
युवाओं के लिए सबसे बड़ा फायदा रोजगार के अवसरों के रूप में होगा. सेमीकंडक्टर, डेटा सेंटर, सॉफ्टवेयर सर्विस, क्लाउड और एआई क्षेत्र में हजारों नई नौकरियां बनने की संभावना है.
उद्यमियों के लिए (Chhattisgarh Rajya Utsav 2025)
स्टार्टअप नीति के तहत इनोवेशन हब, इन्क्यूबेशन सेंटर और निवेश सहायता योजनाएं सक्रिय की जा रही हैं. इससे स्थानीय स्तर पर टेक-आधारित कारोबार बढ़ेंगे. एग्रीटेक, फिनटेक, ई-गवर्नेस, हेल्थटेक और ई-कॉमर्स में स्टार्टअप को फायदा होगा.
किसानों के लिए
पारंपरिक कृषि के बदले स्मार्ट कृषि होगी. समय और संसाधन कम और उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी. आईटी आधारित कृषि सेवाएं, ड्रोन सर्वे, मौसम पूर्वानुमान और स्मार्ट सिंचाई जैसी तकनीकों से कृषि उत्पादन और लाभांश दोनों में वृद्धि होगी.
पारंपरिक व्यवसायों में आईटी की पैठ
जहां पहले राज्य के व्यापार कृषि, खनन और विनिर्माण पर केंद्रित थे, वहीं अब इन क्षेत्रों में आईटी-सक्षम नवाचार तेजी से अपनाए जा रहे हैं.

