दिलशाद अहमद, सूरजपुर. चाचा के भतीजी के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया है. घर वालों को इसकी जानकारी तब मिली जब 9 वीं में पढ़ने वाली छात्रा प्रेग्नेंट हो गई. इसके बाद जब पीड़िता ने पूरी जानकारी घर वालों को दी, तब पता चला कि चाचा पिछले कई महीनों से उसे अपनी हवस का शिकार बना रहा था. पुलिस ने इस मामले में आरोपी चाचा को गिरफ्तार कर लिया है. पीड़िता की पहचान उजागर न हो इसलिए लल्लूराम डॉट कॉम इस खबर में आरोपी चाचा का नाम और फोटो प्रकाशित नहीं कर रहा है.

चाचा कई महीनों से भतीजी को बना रहा था अपनी हवस का शिकार

दरअसल, हैवान चाचा नवमी कक्षा में पढ़ने वाली अपनी सगी भतीजी को पिछले कई महीनों से अपनी हवस का शिकार बना रहा था. इसके साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी देता था. मासूम डर की वजह से इसकी दरिंदगी पिछले कई महीनों से सहती रही. बच्ची के बार-बार गिड़गिड़ाने के बावजूद यह दरिंदा पिछले कई महीनों से उसकी अस्मत लूटता रहा. मासूम के रहम की भीख मांगने पर भी दरिंदे का दिल नहीं पसीजा. आखिरकार जब नाबालिग गर्भवती हो गई तब घर वालों को इस घटना की जानकारी हुई. परिजनों के पूछने पर पीड़ित बच्ची ने रो-रोकर अपनी आपबीती बताई. जिसके बाद परिजनों ने स्थानीय थाने में जाकर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया.

बच्ची के साथ दरिंदगी मामले में शिकायत मिलने पर पुलिस बिना देर किये एक्शन में आई और आरोपी की पतासाजी में जुट गई. आरोपी को पुलिस ने कुछ ही घंटो में पकड़ लिया.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पहले सूचना मिली कि आरोपी ट्रेन से कोलकाता भागने की फिराक में है. जिसके बाद पुलिस की एक टीम रेलवे स्टेशन पर सभी ट्रेनों की तलाशी ले रही थी. तभी पुलिस को मुखबीर से जानकारी मिली कि आरोपी बस से रायगढ़ की ओर जाते हुए देखा गया है. सूचना के आधार पर पुलिस ने कुछ किलोमीटर बस का पीछा कर आरोपी को गिरफ्तार किया.

पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. जिसके बाद पुलिस ने दुष्कर्म और पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

आपको बता दें कि आरोपी का यह पहला घिनौना कृत्य नहीं है, बल्कि इससे पहले भी यह महिलाओं के नहाते समय अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में जेल की हवा खा चुका है.

बच्चों को गुड टच और बैड टच की दें जानकारी

एक सर्वे के अनुसार नाबालिक बच्चों के साथ यौन शोषण के मामलों में अपने ही लोगों की संख्या ज्यादा होती है. ऐसे में जरूरत है कि परिजन बच्चों को गुड टच और बैड टच की जानकारी दें. साथ ही उनके साथ लगातार बातचीत करें ताकि अगर कोई ऐसी घटना बच्चों के साथ होती है तो कम से कम अपने परिजनों को बता सकें. ऐसे दरिंदों को समय रहते जेल के सलाखों के पीछे डाला जा सके.

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