सत्यपाल सिंह,रायपुर। कोरोना काल के दौरान छत्तीसगढ़ में 7 लाख प्रवासी मजदूर वापस लौटे है. जिसमें सबसे अधिक जांजगीर और बिलासपुर के मजदूर है. इन दोनों जिले में एक-एक लाख से अधिक मजदूर अपने प्रदेश वापस आए हैं. सबसे कम मजदूर बीजापुर जिले में आए है. प्रवासी मजदूरों के लौटने का सर्वे कई एनजीओ को मिलाकर रेंडमीली फोन कॉल के थ्रू के जरिए किया गया है. इन सभी को जॉब कार्ड बनाकर रोजगार दिया जा रहा है.

विभाग के पास 2 लाख की थी जानकारी

जबकि पंचायत विभाग श्रम विभाग के पास कोरोना काल के पहले सिर्फ 2 लाख मजदूरों के प्रदेश से बाहर जाने की जानकारी थी. लेकिन कोरोना काल में प्रदेश लौटे 7 लाख प्रवासी मजदूरों की सूची बन गई है. यानी 5 लाख का अंतर आया है. पंचायत संचालक एस प्रकाश ने बताया कि जो मजदूर वापस लौटे हैं उनके लिए उचित व्यवस्था की जा रही है, जैसे रोजगार के लिए तमाम सरकारी योजना में जॉब कार्ड बनाकर रोजगार दिया जा रहा है. उनके जानकारी के मुताबिक उनको रोजगार देना फिलहाल कुछ दिनों के लिए व्यवस्था की गई है. आगे की व्यवस्था बनाई जा रही है.

10 हजार मजदूर और लौट सकते हैं

पंचायत संचालक ने बताया कि कई एनजीओ को मिलाकर रेंडमीली फोन कॉल के थ्रू सर्वे किया गया है. सर्वे के मुताबिक करीब 50 प्रतिशत मजदूर वापस लौटने की तैयारी में है, तो 25% मजदूर असमंजस में है कि उन्हें अपने कार्यस्थल वापस जाना है या छत्तीसगढ़ में रहना है. लेकिन 25% मजदूरों ने स्पष्ट कहा है कि उन्हें छत्तीसगढ़ में ही रहना है. लगभग 10 हजार मजदूर और वर्तमान समय में वापस लौटने की संभावना है.

अभी करीब 12 हजार मजदूर क्वॉरेंटाइन

प्रवासी मजदूरों के लिए सभी पंचायतों में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था जिसमें निर्धारित टाइम सेंटर में गुजार कर मजदूर अपने घर लौट गए हैं, तो कुछ मजदूरों को रेल टाइम भी थे. वर्तमान समय में लगभग 10 से 12 हजार मजदूर क्वारेंनटाइन सेंटर में है.

देखिए जिलेवार मजदूरों की संख्या