रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग को भुवनेश्वर में आयोजित समारोह में टीम्स प्रोजेक्ट के लिए कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया (सीएसआई) द्वारा ’’सीएसआई एसआईजी ई-गर्वनेंस एवार्ड 2019 – एवार्ड ऑफ एप्रीशियेशन इन स्टेट कैटेगरी’’ में प्रदान किया गया। समारोह में उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और मंत्री टी.के. बेहरा ने यह पुरस्कार छत्तीसगढ़ को प्रदान किया। इस अवसर पर तेलंगाना के विशेष मुख्य सचिव बी.पी. आचार्या, कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया के डॉ. अशोक अग्रवाल भी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि के रूप में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के व्याख्याता संतोष तंबोली और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ तकनीकी संचालक ए.के. सोमशेखर ने पुरस्कार प्राप्त किया। यह पुरस्कार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे गुणवत्तापूर्ण कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है। तकनीकी कार्यों में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) का विशेष सहयोग रहा है। कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा प्रदान किए जाने वाला यह पुरस्कार सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है।

स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में टीम्स (टोटल एजुकेशन एसेसमेंट एण्ड मैनेजमेंट सिस्टम) – टीम्स-टी मोबाइल एप्प के माध्यम से सभी शिक्षकों की व्यक्तिगत जानकारी, पे स्लिप, सर्विस बुक की जानकारी, विद्यालय के सभी छात्रों की जानकारी उपलब्ध करायी जा रही है। साथ ही राज्य स्तरीय आकलन की डाटा एन्ट्री की सुविधा भी इस एप्प के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही है।

शिक्षा सीजी वेबसाइट से लाभान्वित हो रहे एक लाख आठ हजार शिक्षक और 48 लाख विद्यार्थी
शिक्षा सीजी एनआईसी इन (shiksha.cg.nic.in) वेबसाइट के माध्मय से स्कूल शिक्षा विभाग के विभिन्न आयामों को उपलब्ध कराया जा रहा है। स्कूल इंफोर्मेशन कार्ड लिंक के अंतर्गत यू-डाईस 2018-19 के आधार पर विद्यालयों में संबंधित डाटा पहली बार सभी के लिए उपलब्ध कराया गया है। इसके माध्यम से कोई भी कही से भी प्रदेश के सभी विद्यालयों की जानकारी प्राप्त कर सकता है। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत विकसित किए गए सभी मोबाइल एप्प के लिए एकमात्र डाटा सोर्स यही वेबसाईट है। विद्यालयों से संबंधित कोई भी कार्य मोबाइल एप्प अथवा इस वेबसाईट में लाग इन कर भी कर सकते है। इस वेबसाईट से एक लाख आठ हजार शिक्षक और 48 लाख विद्यार्थी सीधे लाभान्वित हो रहे है।

राज्य स्तरीय आकलन – कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी विद्यार्थियों का राज्य स्तरीय आकलन किया जा रहा है। इसमें राज्य स्तर पर प्रश्न पत्र तैयार कर उपलब्ध कराया जा रहा है। आकलन के बाद प्रश्नवार सभी विद्यार्थियों की प्राप्तांको की प्रविष्टि करायी जा रही है। प्रश्नों की संरचना एनसीआरटी द्वारा निर्धारित लर्निंग आउटकम्स और कॉम्पटेंसी के आधार पर की गई है। विद्यार्थियों की अंकों की प्रविष्टि के बाद उसका विश्लेषण कर सुधार के क्षेत्र पहचान किए जा रहे है और इसके आधार पर पाठ्य सामग्री एवं शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सन्दर्शिका विकसित की गई है।

कक्षा-1 एवं 2 के लिए मोबाईल एप्प के माध्यम से मूल्यांकन – कक्षा-1 एवं 2 के सावधिक मूल्यांकन के लिए एसेसमेंट एप्प विकसित किया गया है, वर्ष में दो बार इस एप्प के माध्यम से आकलन किया जा रहा है। इसके माध्यम से प्रश्नों को आकर्षक तरीके से विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जा रहा है।

दीक्षा एप्प – कक्षा पहली से दसवीं तक के सभी 67 पाठ्य पुस्तकों में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए क्यू आर कोड के माध्यम से अतिरिक्त पाठ्य सामग्री उपलब्ध करायी गयी है, 3800 क्यू आर कोड के माध्यम से वीडियो कंटेंट और आकलन के प्रश्न उपलब्ध कराए गए है। दिक्षा एप्प में 24 लाख 77 हजार बार स्केन किया गया है। 6 लाख 3 हजार बार कंटेंट को डाउनलोड किया गया, 36 लाख 88 हजार वीडियो कंटेंट को प्ले किया जो कि 1.58 लाख घंटे के बराबर वीडियो प्ले हुआ है।

एमएमटी एप्प – कक्षा नवमीं एवं दसवीं के विद्यार्थियों के लिए मल्टीमीडिया टेक्सटबुक विकसित की गई है। इसके माध्यम से पाठ्य सामग्री को वीडियो के माध्यम से रूचिकर बनाया गया है।

टीटीएमएस (टीचर ट्रेनिंग मैनेजमेंट सिस्टम) – शिक्षा विभाग में होने वाले सभी प्रशिक्षणों को टीटीएमएस के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। इसकी सहायता से प्रशिक्षण के क्रियान्वयन को प्रभावी बनाया जा रहा है और सभी शिक्षकों को अकादमिक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण सन्दर्शिकाएं भी टीटीएमएस के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे है।

इन सभी कार्यों में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र का विशेष सहयोग रहा है।

कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कार को तीन स्तरों पर जांचा-परखा जाता है। प्रथम स्तर पर नामांकन मंगाए जाते है, विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण के बाद प्रथम चरण के लिए चयन किया जाता है। द्वितीय चरण में फिल्ड वेरीफिकेशन किया जाता है, इसके लिए कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया के विशेषज्ञ द्वारा सभी हितग्राही से चर्चा की जाती है और विकसित किए गए साफ्टवेयर, मोबाइल एप्प का परीक्षण किया जाता है। इस बात को जांचा जाता है कि दावे नामांकन के समय किए गए थे वे सभी सही तरह से कार्य कर रहे है अथवा नहीं इसके आधार पर फायनालिस्ट का चयन किया जाता है। तृतीय चरण में अंतिम प्रस्तुतिकरण के लिए बुलाया जाता है और अंतिम प्रस्तुतिकरण के आधार पर पुरस्कार प्रदान किया जाता है।