दिनेश कुमार द्विवेदी, कोरिया। जिले से लगे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर सरकारी नियमों की पेंच में एक बुजुर्ग की जान चली गई. बीमार बुजुर्ग को ऑक्सीजन की जरूरत थी, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें सीमा पार नहीं जाने दिया और बगैर इलाज के बुजुर्ग की कार में हार्ट अटैक आने से मौत हो गई.

बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित घुटरी टोला बैरियर से मध्यप्रदेश के लोगों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. इधर, उमरिया से एसईसीएल कोरबा में मैनेजर राकेश नीलेश मिश्रा अपनी माता के साथ पिता का इलाज कराने बिलासपुर जा रहे थे. अचानक तबीयत खराब होने के कारण वे मनेन्द्रगढ़ की ओर मुड़े, लेकिन वे जैसे ही घुटरी टोला पहुंचे कि वहां उन्हें से अंदर जाने से रोक दिया गया. बैरियर पर वे तैनात लोगों से निवेदन कर ही रहे थे कि उनके वृद्ध पिता की हार्ट अटैक आने से मौके पर ही मौत हो गई.

बगैर इलाज के बुजुर्ग की मौत पर उनकी पत्नी और बेटे एक तरह से बदहवास हो गए. वहीं स्थल पर मौजूद लोग भी बैरियर पर तैनात अधिकारियों को कोसते नजर आए. दरअसल, घुटरीटोला बेरियर में बाहर से आने वाले तमाम लोग बेहद परेशान हैं. इसके लिए प्रशासनिक लचर व्यवस्था जिम्मेदार है, क्योंकि हर अनुमति में एसडीएम या कलेक्टर के आदेश की मांग की जाती है.

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