फीचर स्टोरी । जनकवि स्वर्गीय लक्ष्मण मस्तूरिया की एक अमर रचना है, जो जनगीत बनकर छत्तीसगढ़वासियों के रगों में हर वक्त दौड़ते रहती है. ये छत्तीसगढ़ी गीत है….नवा जोत लव नवा गाँव बर…रस्ता नवा गढ़व रे…मोर संग चलव रे…आज कुछ इसी तरह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ में नवा रद्दा गढ़ने में जुट गए हैं.

मुख्यमंत्री गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के नारे को साकार करने की ओर हर दृष्टिकोण से आगे बढ़ रहे हैं. छत्तीसगढ़ को सँवारने, छत्तीसगढ़वासियों को हर सुविधाओं को देने की मंशा लिए मुख्यमंत्री योजनाओं पर काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री की कोशिश यही है कि राज्य की जनता को किसी भी तरह की परेशानी न हो, उनकी परेशानियों को समय पर दूर किया जाए. वैसे जनता के लिए एक बड़ी परेशानी होती है पहुँच मार्ग की. कहते हैं- रास्ते सुगम हो तो मंजिल तक पहुँचना आसान हो जाता है. इसी कहावत को भूपेश बघेल  छत्तीसगढ़ में चरितार्थ करने लिए प्रदेशवासियों के लिए लेकर आए हैं- मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना.

जी हाँ मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना. एक ऐसी योजना जिजके माध्यम से प्रदेश के सभी शासकीय भवन और सार्वजनिक स्थलों तक पहुंचना अब आसान होगा. इस योजना से प्रदेश भर के ऐसे सभी शासकीय शालाएं, चिकित्सालय, कॉलेज, आंगनबाड़ी भवन, उचित मूल्य की दुकानों और अन्य शैक्षणिक संस्थाएं, जो अभी तक मुख्य मार्गों से पक्की सड़क द्वारा नही जुड़ी हुई थीं, वे सभी जुड़ जाएंगे.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना का शुभारंभ 19 जून को अपने आवास कार्यालय से किया. इस दौरान विशेष रूप से लोक निर्माण विभाग मंत्री ताम्रध्वज साहू भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री का कहना है कि इस योजना के तहत हाट-बाजार, मेला स्थल, धान संग्रहण केंद्र, श्मशान घाट जैसे अनेक महत्वपूर्ण सार्वजनिक उपयोग के केंद्र जो बारहमासी सड़कों से नहीं जुड़े हैं, जहाँ आने-जाने में जनसामान्य को असुविधा होती है, वे सभी सार्वजनिक स्थल तथा भवन को प्राथमिकता के आधार पर लोक निर्माण विभाग द्वारा बारहमासी पहुंच मार्ग का निर्माण कर जोड़ा जाएगा. इससे शासकीय भवनों और सार्वजनिक स्थलों तक पहँचने में लोगों को काफी सहुलियत मिलेगी.


200 करोड़ रुपए के 1116 कार्य

मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना में इस वर्ष 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. 200 करोड़ रुपये में 11 सौ 16 विकास के कार्य पूरे होंगे. इस राशि को कच्ची सड़क से पक्की सड़क बनाने, सड़कों के मरम्मत कार्य, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए विशेष सुविधाजनक मार्ग बनाने में खर्च किया जाएगा. ताकि लोगों को मुख्य मार्ग से शासकीय कार्यालयों या अन्य सार्वजनिक स्थानों तक पहुँचने में परेशानी न हो. सरकार ने इसके लिए लोक निर्माण विभाग को समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दे दिए हैं.

फाइल फोटो

पट जाएंगे गड्ढ़े, नहीं खाने पड़ेंगे हिचकोले

छत्तीसगढ़ी में एक कहावत है- घुरवा के घलोक दिन बहुरथे. यह कहावत उन सड़कों के लिए, उन सार्वजनिक स्थानों के पर सबसे सटीक बैठ रहा है, जो वर्षों से बेहतर होने का बाट जोह रहे हैं. क्योंकि मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना से अब ऐसे सभी सार्वजनिक स्थल और पुरानी कच्ची, खराब सड़कें अच्छी हो जाएंगी, जो इस इंतज़ार में हैं कि कब उनके दिन बहुरेंगे. ऐसी खराब सड़कों पर जो विकासरोधी गड्ढे हैं वे सारे भर जाएंगे, पट जाएंगे. लोगों को अब इस मार्ग से गुजरते वक्त हिचकोले नहीं खाने पड़ेंगे.

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कच्ची से निजात, पक्की पर आराम का सफर

मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना की सबसे बड़ी बात यही है कि इस योजना से कच्ची सड़क से पूरी तरह आम जतना को निजात मिल जाएगी. अब सड़क पक्की होगी और सफर आराम का होगा. ना बारिश के मौसम का डर रहेगा और ना सड़क पर पानी भरने या किचड़ रहने का. क्योंकि पक्की सड़क बनने के साथ इन सारी परेशानियों से लोगों को मुक्ति मिल जाएगी.

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सुंदर-स्वच्छ गाँव-शहर, नगर-नगर-डगर-डगर

मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना की एक बड़ी बात यह भी है कि अब आप सुंदर और स्वच्छ रास्तों से गुजरेंगे. आपके रास्तों में गंदगी नहीं होगी. फिर चाहे वह किसी बड़े नगर के सार्वजनिक स्थलों तक पहुँचने का मार्ग हो या फिर शहर-गाँव-कस्बों में सार्वजनिक स्थलों तक जानी वाली ही सड़कें क्यों ना हो. हर रास्ता आपके लिए सुगम के साथ सुंदर और स्वच्छ होगा.