सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक द्वारा राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन किया गया. बैंकों द्वारा तैयार की गई वार्षिक ऋण योजना और राज्य में बुनियादी सुविधाओं के विकास और संवर्धन पर चर्चा की गई. इस संगोष्ठी में सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम शामिल हुए. नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एम सोरेन समेत वरिष्ठ अधिकारी और पदाधिकारी शामिल हुए.

मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने कहा कि किसानों के उत्पाद को बढ़ाने हमने कोशिश की है. किसानों के अलग-अलग उत्पाद को बढ़ाने में क्या भूमिका हो सकती है, इस पर चर्चा करनी है. ग्रामीण क्षेत्रों में एक कोल्ड चैन होनी चाहिए. उत्पाद को बेहतर बनाने की भी आवश्यकता है. हमारे प्रोडक्ट के लिए मार्केटिंग कैसे हो, इसका भी ध्यान रखना होगा. कहां बेच सकते हैं, इसका प्लान आवश्यक है. गरीब किसानों को प्रोडक्ट का लाभ भरपूर मिल सके, इसके लिए बड़ी-बड़ी कंपनी से चर्चा करनी चाहिए.

नाबार्ड, आरबीआई, ग्रामीण बैंक सभी बैंक के प्रतिनिधि, सभी विभाग के प्रतिनिधि यहां पर आए हुए हैं. सबका यह सोचना है कि कृषि और उसके लायक सेक्टर हो. किसानों को किस प्रकार से आगे बढ़ाएं और मजबूत करें? उनकी आय को किस तरह बढ़ाएं, इसमें प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल का बहुत अच्छा प्रयास रहा है. पूरे हिंदुस्तान के राज्यों को भी इसका अनुकरण करना चाहिए. हम एमएसपी पर धान खरीदी कर रहे हैं. कृषि में धान, गन्ना, दलहन, तिलहन, कोदो, कुटकी इसके लिए हम किसानों के प्रोत्साहन राशि दे सकते हैं.

छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हम किसानों के हित में काम कर रहे हैं. किसानों को हम आसानी से ऋण कैसे उपलब्ध कराएं, हर जिले में उसकी मीटिंग होगी, अभी संगोष्ठी में पूरी चर्चा हुई है, और चर्चा में यह बात सामने आई है कि कैसे हम लोगों को किसानों तक पहुंचे, कैसे लोन हम किसानों तक पहुंचाएं और आसानी से पहुंचाए. इतना क्लिष्ट भी नहीं होना चाहिए. किसानों को आसानी से लोन मिलनी चाहिए. इस पर मैंने आज चर्चा की.

प्रेम साय सिंह टेकाम ने स्कूल खोलने को लेकर कहा कि वैक्सीन आज आने वाली है. छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में वैक्सीन आ जाएगी. वैक्सीन आने के बाद स्कूल खोलने के लिए अभी से विचार करेंगे, कोरोना को लेकर स्थिति सामान्य होगी तब हम बिल्कुल स्कूल खोलेंगे. कैबिनेट बैठक में तय करेंगे कि कब स्कूल को खोला जा सकता है. कितने उम्र के बच्चों को लेकर  स्कूल खोला जाएगा? इस संबंध में कैबिनेट की बैठक में दिशानिर्देश तय किए जाएंगे.

बजट पर बैठक को लेकर बोले कि विभागों की अलग-अलग बैठकें होती है. पहले स्तर में अधिकारियों की बैठक होती है. किन योजनाओं को पहले लेना है इस पर चर्चा होगी. मंत्री स्तर पर चर्चा के लिए 17 तारीख को समय दिया गया है. उसमें कुछ हम प्लान करेंगे, उसकी चर्चा मुख्यमंत्री के सामने होगी, नई योजनाएं बजट में शामिल की जा सकती है.

स्वामी आत्मानन्द इंग्लिश मीडियम स्कूल की बढ़ाएंगे संख्या

इंग्लिश मीडियम स्कूल स्वामी आत्मानंद के नाम से हमने खोला है. उसकी चर्चा पूरे प्रदेश में है, उसकी काफी सराहना भी हो रही है.  मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाएगी. ब्लॉक लेवल तक स्कूल खोला जाएगा. इसके पीछे मुख्यमंत्री की सोच है कि जो बच्चे पढ़ना चाहते हैं वह चाहे मध्यमवर्गीय हो या गरीब, उनके बच्चे बड़े स्कूल में नहीं पढ़ सकते, क्योंकि उनकी फीस इतनी अधिक रहती है वह फीस की व्यवस्था नहीं कर पाते हैं तो इसलिए हम चाहते है कि गरीब व मध्यमवर्गीय बच्चे भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सके. ग्रामीण क्षेत्रों में भी समस्या होती है कि वहां के बच्चों के लिए अच्छे स्कूल उपलब्ध नहीं होते, इसलिए शहर के आसपास भी स्कूल को शिफ्ट कर दिया जाएगा, वो ग्रामीणों के लिए भी रहेगा. बच्चों के पढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार की रहेगी.