सुकमा। छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए सुनहरे भविष्य की राह तैयार की जा रही है. इसी कड़ी में सुकमा जिले में पुनर्वास केंद्र में रह रहे 30 आत्मसमर्पित नक्सलियों को राज मिस्त्री का प्रशिक्षण दिया गया. यह पहल कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव और एसपी किरण चव्हाण के निर्देशन में शुरू की गई थी. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सभी लाभार्थियों को सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने प्रमाण पत्र प्रदान किए.

सरकार ने किया था पुनर्वास का वादा
बता दें, राज्य सरकार ने पहले ही यह घोषणा की थी कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास केंद्र में रखकर उनके कौशल विकास और रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जाएंगे. इस कदम से नक्सली गतिविधियों से दूरी बनाने वालों को न केवल सम्मानजनक जीवन मिलेगा, बल्कि उनके परिवारों की आजीविका भी सुनिश्चित हो सकेगी.
शांति और विकास की दिशा में सराहनीय पहल
सुकमा जिले में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शांति, विकास और मुख्यधारा में शामिल होने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है. प्रशासन का मानना है कि इस तरह की योजनाएं बाकी सक्रिय नक्सलियों को भी प्रेरित करेंगी कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटें.
नई शुरुआत के लिए उम्मीद की किरण
प्रमाण पत्र पाकर प्रशिक्षित युवाओं में आत्मविश्वास साफ नजर आया. प्रशासन ने भरोसा जताया कि इस पहल से न सिर्फ उनका भविष्य सवंरेगा बल्कि उनके कदमों से सुकमा में स्थायी शांति स्थापित करने में मदद मिलेगी.
सुकमा जिला प्रशासन ने यह अपील भी की है कि बचे हुए नक्सली भी हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करें और पुनर्वास की योजनाओं का लाभ लें.
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