रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है. शालेय शिक्षक संघ के नेतृत्व में 14 सूत्रीय मांगों को लेकर 28 जुलाई को शिक्षक वर्चुअल धरना प्रदर्शन करेंगे. शिक्षक सभी जिलों में कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे. प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने सभी शिक्षकों से अपनी मांगों पर प्रतिबद्धता दिखाते हुए सक्रियता से कोविड नियमों का पालन कर देने धरना की अपील की है.

प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि वर्चुअल धरना प्रदेश के सभी शिक्षक देंगे. शिक्षक यह धरना अपने स्कूल और घर समेत कई जगहों पर देंगे. कोविड नियमों का पालन करते हुए देंगे. धरना प्रदर्शन के बाद जिला, ब्लॉक पदाधिकारी मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को अपनी 14 सूत्रीय ज्ञापन सौपेंगे.

महासचिव धर्मेश शर्मा ने बताया कि विभिन्न विसंगतियों और LB संवर्ग के शिक्षकों की उपेक्षा के चलते हमे अत्यंत आर्थिक हानि और अन्य अव्यवहारिक कठिनाइयां उठानी पड़ रही है. जिसका समाधान आवश्यक है. हमारी यह धरना इन्ही सभी समस्याओं को दूर करने का प्रयास है. इन मांगों को यदि जल्द दूर नहीं किया गया, तो आंदोलनों को और तेज किया जाएगा. जिसकी सारी जवाबदेही शासन की होगी.

ये हैं 14 सूत्रीय मांगे

  • शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग के कर्मचारियों को शिक्षक (पंचायत/नगरीय निकाय) संवर्ग की प्रथम नियुक्ति तिथि के आधार पर वरीष्ठता, पदोन्नति और क्रमोन्नत/समयमान वेतनमान प्रदान किया जाए.
  • समस्त शिक्षक संवर्ग (विशेष रूप से सहा. शिक्षक) की वेतन विसंगति का निराकरण कर केंद्रीय वेतनमान/वन स्टेप-अप वेतनमान प्रदान किया जाए.
  • मंहगाई भत्ते की लंबित 16% की किश्त और अंतर की राशि का भुगतान किया जाए.
  • गृहभाड़ा भत्ता का भुगतान 7 वें वेतनमान के अनुरूप किया जाए.
  • शिक्षक पंचायत/नगरीय निकाय संवर्ग के लंबित अनुकंपा प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया जाए.
  • कोविड काल में मृत शासकीय कर्मचारियों के एक आश्रित परिजन को समस्त नियम और शर्तें शिथिल कर अनिवार्यतः शासकीय सेवा प्रदान की जाए.
  • संस्था प्रमुख सहित पदोन्नति के समस्त पद अविलम्ब भरे जाएं.
  • स्वैच्छिक स्थानांतरण अविलम्ब प्रारंभ किया जाए. कोविड से प्रभावित कर्मचारियों और उनके परिजनों को स्थानांतरण में प्राथमिकता दी जाए.
  • आपसी स्थानांतरण पर लगी अघोषित रोक को हटाया जाए.
  • पुरानी पेंशन योजना समस्त कर्मचारियों के लिए लागू की जाए.
  • पुरानी पेंशन योजना लागू होने तक अंशदायी पेंशन योजना में नियोक्ता अंशदान केंद्र और मप्र की तरह 10% के स्थान पर 14% किया जाए.
  • एल.बी. संवर्ग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति हितलाभ उपादानों – ग्रेच्युटी,अवकाश नकदीकरण आदि के समुचित और समयसीमा में निराकरण किए जाए.
  • संविलयन के पूर्व के लंबित सत्वों का अविलंब भुगतान और लंबित सी.पी.एस. राशि का संबंधितों के खाते में अविलंब अंतरण किया जाए.
  • पदनाम के साथ एल.बी. प्रत्यय के अनावश्यक और अनुचित परंपरा पर रोक लगाई जाए. राजपत्र में उल्लेखित पदनामों का ही प्रयोग किया जाए.
  • 2 वर्ष से अधिक की अवधि में संविलयन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त अवधि का वेटेज देते हुए वेतन भुगतान किया जाए.

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