मनीष सोनी, अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम और विवादों का जैसा चोली दामन का साथ रहा है। ताजा मामले में पाठ्यपुस्तक निगम ने हिन्दी साहित्य के सम्राट कहलाने वाले मुंशी प्रेमचन्द की एक कहानी का शीर्षक ही बदल दिया है।

छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित कक्षा छठवीं की हिंदी बालभारती पुस्तक में प्रेमचंद की रचना का शीर्षक मंत्र से बदलकर खरा इंसान कर दिया है। प्रेमचंद की कहानी संग्रह मानसरोवर में एक कहानी का नाम ‘मन्त्र’है जिसे किताब में ‘खरा इंसान’ के नाम से प्रकाशित कर दिया गया है। 

शिक्षाविदों का कहना है कि किसी भी रचना के नाम बदलने का कार्य रचनाकार के प्रति अवमाननापूर्ण कृत्य माना जा सकता है। यह भी माना जा रहा है कि इस तरह से शीर्षक बदलने से परीक्षा में छात्रों को कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हो सकती है।

आपको बता दें कि इससे पहले पाठ्यपुस्तक निगम कभी राष्ट्रध्वज को चार रंगों में छापकर तो कभी उल्टा छापकर, कभी राष्ट्रीगीत व राष्ट्रगान को गलत छापकर तो कभी पुस्तक में महिलाओं को बेरोजगारी का कारण बताकर सुर्खियों में रहा है तो कभी कागज घोटाले को लेकर।

ऐसे में प्रदेश के छात्रों का बौद्धिक स्तर क्या होगा इससे समझा जा सकता है।