विक्रम शाह,कुम्हारी। कहते हैं “जहां चाह वहां राह” इंसान के मन में अगर कुछ करने का जज़्बा हो तो दुनिया की ऐसी कोई चीज़ नहीं जो असंभव हो. कुछ इसी तरह के ज़ज़्बे और जूनून ने 19 वर्ष की काजल को सबसे कम उम्र की गाड़ी चलाने वाली ड्राइवर बना दिया.

कुम्हारी के करीब ग्राम परसदा के शासकीय स्कूल में आयोजित 45 दिनों के समर कैम्प के पांचवे दिन बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए अमलेश्वर से काजल खरी को बुलाया गया. 19 वर्षीय काजल खारी को छत्तीसगढ़ की सबसे कम उम्र की महिला वाहन चालिका के खिताब से भी नवाजा गया है. काजल छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी गाड़ियों को आसानी से चला लेती है. इस समर कैम्प में काजल ने बच्चों को ट्रेक्टर, हाइवा, ट्रक और डम्फर जैसे वाहन चलकर दिखाए.

काजल ने बताया कि किस तरह वह अपने पिता के परेशानियों को देखकर ये तमाम गाड़ियां चलाना सीखी. दरअसल आये दिन गाड़ियों के लिए ड्राइवरों की परेशानी रहा करती थी. आज किसी ने छुट्टी मार दी तो किसी की तबियत बिगड़ गई. इससे हमें बेहद नुकसान होता था. पापा हमेशा परेशान रहा रहते थे. उनकी परेशानी को देखकर धीरे धीरे मेरे अंदर स्वयं कुछ करने की इच्छा जागी. मैंने सोचा कि क्यों न मैं स्वयं गाड़ियां चलाना सीख जाऊं जिससे पापा को सहयोग कर पाऊंगी, लेकिन इस तरह के अवसर नहीं मिल पा रहे थे. हमारा बड़ा परिवार है मेरी 6 बहने और हैं और हमारी रोजी रोटी का माध्यम ही यही है. धीरे धीरे छुप छुप कर मैंने गाड़ियों के बारे में ड्राइवरों से गाड़ी के बारे में जानकारी लेने लगी और गाड़ियां चलाने लगी. कुछ दिन की लगन और मेहनत के बाद मैं पूरी तरह गाड़ी चलाना सिख गई.

एक दिन रात को जब गाड़ियों लेकर जाना था और कोई ड्राइवर नहीं था. पापा बेहद परेशान थे तब मैंने कहा कि एक गाड़ी आप लेकर जाएं एक गाड़ी मैं लेकर आती हूँ. पापा को आश्चर्य लगा और उस दिन जब मैंने गाड़ी चलाया तो वे आश्चर्यचकित रह गए. काजल का कहना है कि दुनियां में कुछ भी असंभव नहीं सब संभव है.बशर्ते आपके अंदर उसे करने का जज़्बा और जूनून हो. मुझे खुशी है कि मैं आज पूरी तरह अपने पापा की मदद कर पाती हूँ.

काजल के पापा का कहना है कि मेरी सात बेटियां हैं और मैं बहुत खुश हूँ. मुझे खुशी है कि मेरी एक एक बेटी कई बेटियों के बराबर है. इस बात को लेकर मेरे रिश्तेदार नाराजगी जताते हैं कि मैं लड़कियों से गाड़ी चलवाता हूँ लेकिन मुझे इसकी कोई परवाह नहीं है. मैंने अपनी बेटियों को पूरी छूट दे रखी है. वे जीवन मे जो भी बनना चाहें ये उनकी अपनी इच्छा पर निर्भर करता है. काजल को अबतक कई सामाजिक संगठनों ने कई मंचों पर सम्मानित किया है. काजल की इच्छा है कि भविष्य में वह एक बार ऐरोप्लेन चलाए. वह ज़मीन से सीधे आसमान पर उड़ना चाहती है.