नितिन नामदेव, रायपुर. जंगल सफारी से इलाज के लिए गुजरात भेजी गई बीमार बाघिन बिजली की मौत हो गई है. 7 अक्टूबर को उसे ट्रेन से वनतारा जामनगर वाइल्डलाइफ रेस्क्यू एंड केयर सेंटर भेजा गया था, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. (नहीं रही छत्तीसगढ़ की बाघिन बिजली)

8 साल की थी ‘बिजली’, यूट्रस और ओरल में था इन्फेक्शन

बाघिन बिजली की उम्र 8 साल की थी. वह जंगल सफारी में पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थी. यूट्रस और ओरल में इन्फेक्शन था. उसे बेहतर इलाज के लिए ट्रेन से वनतारा भेजा गया. जहां उसका एक महीने तक इलाज चलना था. लेकिन वनतारा वाइल्डलाइफ रेस्क्यू रिहैबिलिटेशन सेंटर में बाघिन बिजली की मौत हो गई. वनतारा ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी पोस्ट जारी कर दी.

जानकारी के अनुसार, बिजली की तबीयत पिछले कुछ समय से लगातार बिगड़ रही थी. जिसके बाद उसे इलाज के लिए जामनगर के वन्तारा रेस्क्यू सेंटर भेजा गया था. वह लंबे समय से लोगों के बीच लोकप्रिय थी. बिजली की तबीयत में गिरावट आने के बाद रायपुर में प्राथमिक इलाज किया गया. लेकिन स्थिति में सुधार न होने पर विशेषज्ञों की टीम ने उसे ट्रेन में स्पेशल कोच के जरिए जामनगर भेजा था. 

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बिजली की मौत के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया कल वन विभाग की टीम और विशेषज्ञ डॉक्टरों की मौजूदगी में की जाएगी. इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर स्थिति स्पष्ट होगी. कुछ दिन पहले भी बाघिन की तबीयत को लेकर वन विभाग ने बयान जारी किया था. जिसमें यह बताया गया था कि बिजली को लगातार निगरानी में रखा गया है. उसे स्पेशल मेडिकल टीम की देखरेख में उपचार मिल रहा था.

ट्रेन से भेजी गई थी जामनगर

बाघिन ‘बिजली’ को उच्च स्तरीय देखभाल के लिए वनतारा जामनगर वाइल्डलाइफ रेस्क्यू एंड केयर सेंटर भेजा गया. इसके लिए जंगल सफारी के अधिकारियों ने दक्षिण पूर्व मध्य रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अवधेश कुमार त्रिवेदी से संपर्क किया. मंडल रेल प्रबंधक दयानंद और हावड़ा मुख्यालय के अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद हावड़ा-अहमदाबाद गाड़ी में रायपुर स्टेशन से बिजली बाघिन को गुजरात भेजने की सहमति दी गई थी.