वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. दोनों चुनाव के मद्देनज़र आरक्षण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. हालांकि, इस मुद्दे पर सियासत भी तेज है. इस बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम अरुण साव का बड़ा बयान सामने आया है. एक ओर मुख्यमंत्री ने आरक्षण प्रक्रिया को न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप और अन्य राज्यों से बेहतर बताया, तो वहीं डिप्टी मुख्यमंत्री ने चुनाव की संभावित तारीखों को लेकर सरकार की मंशा साफ करते हुए कहा कि 18 जनवरी के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आरक्षण और पंचायती राज विधेयक संशोधन को लेकर कहा कि जो आरक्षण लागू हुआ है. यह उच्चतम न्यायालय के अनुसार हुआ है. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई इसे कोर्ट में चुनौती देता है, तो उसपर बंदिश नहीं है. कोर्ट न्याय करेगा. इसमें कुछ भी गलत नहीं हुआ है. बल्कि और प्रदेशों से अच्छा हमने किया है. कई प्रदेशों में ऐसा प्रयास नहीं हुआ, जिसके कारण ओबीसी आरक्षण शून्य भी करना पड़ा. यहां इसपर बेहतर और बहुत अच्छे से काम किया गया है.’
डिप्टी सीएम अरुण साव ने आगामी चुनावों की तारीखों को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि 18 जनवरी के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है. सरकार की मंशा है कि फरवरी में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत दोनों चुनाव एक साथ कर लें. इस मंशा से राज्य निर्वाचन आयोग को अवगत करा दिया गया है. राज्य सरकार ने अपने जिम्मे का काम चुनाव की दृष्टि से पूरा कर लिया है. पदों के आरक्षण का कार्य पूरा हो चुका है, अब आगे की कार्यवाही राज्य निर्वाचन आयोग को करनी है. मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की तिथि 18 जनवरी तक बढ़ाई गई है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक