सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ के न्यायिक इतिहास में आज के दिन को हमेशा याद रखा जाएगा. क्योंकि न्यायिक इतिहास में आज पहली बार राज्य स्तर पर ई-लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोक अदालत में ऑनलाइन सुनवाई चल रही है. इस सुनवाई के लिए पक्षकारों, वकीलों को अदालत आने की जरूरत नहीं पड़ी है. घर बैठें पक्षकार आपसी सहमति से प्रकरण को निराकृत करा रहे हैं.

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने ई-लोक अदालत के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में 11 जुलाई को आयोजित ई-लोक अदालत में हाईकोर्ट सहित प्रदेश भर के विभिन्न जिलों की 200 से अधिक खंडपीठों में 3 हजार से ज्यादा मामलों की सुनवाई की जा रही है.

जस्टिस मिश्रा ने बताया कि समझौता योग्य प्रकरणों, पारिवारिक मामले, मोटर दुर्घटना दावा, चेक बाउंस के प्रकरण आदि धन संबंधी मामले प्रायः लोक अदालत के माध्यम से निराकृत हो जाते हैं. कोरोना संक्रमण के चलते जब लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो ऐसे मामलों के निराकरण के लिये छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने ई-लोक अदालत लगाने का निर्णय लिया है. ई-लोक अदालत उच्च न्यायालय के साथ सभी जिला न्यायालयों एवं तहसील न्यायालयों में भी आयोजित की जा रही है.

जस्टिस मिश्रा ने बताया कि पक्षकारों द्वारा ई-लोक अदालत के माध्यम से समझौते के लिये जब फार्म भरे गये, उसी समय उन्हें लिंक उपलब्ध करा दिया गया. ई-लोक अदालत में पक्षकार और वकील अपने-अपने घरों में बैठकर दिये गये लिंक के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट से जुड़ सकेंगे. पक्षकारों और वकीलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से यदि जुड़ने में दिक्कत होगी तो उन्हें यह भी सुविधा दी गई है कि वे व्हाट्सअप वीडियो कॉल करके अपना पक्ष रख सकेंगे. कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में न्यायिक कामकाज प्रभावित हुआ है। वकील एवं पक्षकारों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है. ई-लोक अदालत से उनको राहत मिलेगी. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि पूरे देश में ई-लोक अदालत को लेकर उत्सुकता है। यह प्रयोग सफल होता है तो इसे आगे भी जारी रखा जाएगा.