सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ में दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवा महिलाएं (पत्नी) अनुकंपा नियुक्ति के लिए सरकार से गुहार लगा रही है, लेकिन सरकार और प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है. अनिश्चितकालीन हड़ताल और भूख हड़ताल के 51 दिन के बाद भी सुनवाई नहीं होने से आहत विधवा महिलाओं ने गुरुवार को अग्नि समाधि लेने की कोशिश की. घटना स्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह आग बुझाई, लेकिन उससे पहले पुलिस और महिलाओं के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई. पानी की बौछार से पुलिस ने सभी महिलाओं को भीगा दिया, जिससे वो आग की चपेट में न आ सके.

इनकी कौन सुने गुहार ? विधवा महिलाएं 5 दिन से भूख हड़ताल पर, एक ही मांग सिर्फ अनुकंपा नियुक्ति

दिवंगत अनुकंपा नियुक्ति संघ के प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मिर्गे ने कहा कि पिछले 51 दिन से विधवा महिलाएं क्रमिक भूख हड़ताल पर 24 घंटे बैठे रहते हैं, लेकिन सरकार की ओर से एक भी व्यक्ति धरना स्थल नहीं पहुंचा. ना ही हमारी मांगों को लेकर कोई चर्चा हुई है. इसलिए अब हम अग्नि समाधि ले रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि यह बिलकुल महिलाओं का अपमान है. महिला सुरक्षा महिलाओं के विकास के लिए बड़ी-बड़ी बात की जाती है, लेकिन वास्तविकता यही है कि महिलाओं की कोई सुनवाई नहीं है. पिछले 13 साल से हम अपने हक़ के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, जो क़ानूनी रूप से भी हमारे हक में है. हमारी एक सूत्रीय मांग है कि हमें नियुक्ति दी जाए, क्योंकि इसके पहले दर्जनों बार ज़िम्मेदार अधिकारी विभागीय मंत्री सभी को ज्ञापन सौंपा जा चुका है.

कांग्रेस सरकार को उनका वादा याद दिलाते हुए कहा कि चुनाव के पहले वादा किया गया था कि सत्ता में आते ही हम लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी. आज 51 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल और भूख हड़ताल पर हैं, लेकिन कोई सूध ही नहीं लिया गया. परिवार की स्थिति को लेकर कहा कि एक तो हमारे पति के नहीं होने से आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है. पिछले 51 दिनों से बाल बच्चों के साथ हम धरना स्थल पर है. धरना स्थल से नियुक्ति पत्र लेकर जाएंगे या फिर यही धरना देते-देते प्राण त्याग देंगे.

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