रायपुर. छत्तीसगढ़ी दाऊ अग्रवाल समाज में दान की महान परंपरा है. सिर्फ रायपुर के पूर्व दिशा से प्रारंभ करें, तो इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को दाऊ कल्याण सिंह अग्रवाल ने 1728 एकड़ भूमि कृषि अनुसंधान विकास व कृषि शिक्षा विकास के लिए प्रदान की. नगर मध्य बेबीलॉन के बाजू व सामने स्थित नवनिर्मित राम मंदिर से लेकर तेलीबांधा तालाब तक की लगभग 400 एकड़ भूमि दाऊ दीनानाथ अग्रवाल ने दान किया. डी के एस अस्पताल के बारे में पूरा प्रदेश जानता है कि यह दाऊ कल्याण सिंह अग्रवाल के दान से निर्मित है. परंतु बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने अपने पिता बिसेशर नाथ के नाम से टीवी अस्पताल हेतु टाटीबंध में 65 एकड़ जमीन दी थी जिसमें आज एम्स बना है.

पूरे प्रदेश में 100 से अधिक धर्मशाला, तालाब, मठ ,मंदिर, चिकित्सालय, शैक्षणिक संस्थान जिसमे पुरानी बस्ती स्थित महाराज बंध तालाब, जैतु साव मठ, नागरी दास मंदिर, महासमुंद में बम्हनी मंदिर,प्रसिद्ध सिरपुर मंदिर, प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, पुरानी बस्ती स्थित अग्रसेन महाविद्यालय छत्तीसगढ़ी दाऊ अग्रवाल समाज के दान की राशि या भूमि पर निर्मित है.

हमें यह बताते हुए भी गर्व हो रहा है पूर्वजों की दान की परंपरा को वर्तमान छत्तीसगढ़ी दाऊ अग्रवाल समाज आगे बढ़ा रहा है. कोरोना काल में हमने लगभग 99 टन सब्जी निशुल्क वितरित की. हमारा सौभाग्य है कि रायपुर में भूखे लोगों को भोजन कराने वाले लगभग 90% समाजसेवी संस्थाओं को हम लगातार 45 दिनों तक मुफ्त सब्जी उपलब्ध कराते रहें. वर्तमान में समाज द्वारा एक एंबुलेंस व एक मोक्षअंजली शव वाहन भी संचालित किया जा रहा है.

छत्तीसगढ़ी दाऊ अग्रवाल समाज अपने पूर्वजों के महान दान की यादें व जिम्मेदारियों को संभालने के लिए उनके लगभग 3000 वंशजों को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागृह में 29 जनवरी दिन रविवार को पुरखा के सुरता के नाम से एकत्र कर रहा है. 2 सत्र में आयोजित पुरखा के सुरता कार्यक्रम प्रथम सत्र में समाज के दाऊ विट्ठल अग्रवाल व मुख्य सत्र में मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की आसंदी में प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी होंगे.

आयोजन का मुख्य विषय यह है कि छत्तीसगढ़ी दाऊ अग्रवाल समाज विगत वर्षो से यह महसूस कर रहा था कि हमारे पूर्वजों ने जिस उद्देश्य से मंदिर, तालाब, चिकित्सालय व धर्मशाला में जमीन व राशि दान की, वर्तमान समय में उसका समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है. पूर्वजों द्वारा दिए दान के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो रही है. दाऊ अग्रवाल समाज ने तय किया है कि वे अपने दानदाताओं के वंशजों का एकत्रीकरण कर उन्हें अपने गौरवशाली अतीत से अवगत कराएंगे व दाऊ अग्रवाल समाज के दानों का संकलन कर दानदाता पूर्वजों की इच्छा अनुसार चिकित्सालय मठ मंदिर धर्मशाला तालाब व राशि को जन उपयोग के कार्य में पुनः लगाएंगे.

इस पुरखा की सुरता कार्यक्रम के माध्यम से समस्त दानों का संचालन दाऊ अग्रवाल समाज के वंशजों के हाथ में लेने के लिए वृहद कार्ययोजना बनाई जाएगी. ताकि पूर्वजों की मंशा अनुरूप दान की भूमि, तालाब, धर्मशाला, मठ, मंदिर, औषधालय, चिकित्सालय का जनहित में पुनः उपयोग प्रारंभ किया जाए.

वृहत कार्य योजना के साथ एक सशक्त समिति जिसमें समाज के हाईकोर्ट के जज, वरिष्ठ वकील, प्रोफेशनल, समाजसेवी को समाहित कर बनाया जाएगा. जो राज्य सरकार, केंद्र सरकार से व आवश्यकता पड़ने पर कानूनी कार्यवाही कर दान का व्यवस्थापन करेगा. हम इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के दानवीर दाऊ कल्याण सिंह जी के नाम पर एक राज्य अलंकरण प्रारंभ करने की भी मांग करेंगे.

प्रेस वार्ता में छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के संरक्षक, उमेश अग्रवाल, सी के अग्रवाल केंद्रीय अध्यक्ष, अजय दानी, केंद्रीय सचिव जेपी अग्रवाल, श्याम अग्रवाल उपस्थित थे.