बिलासपुर. बिलासपुर की एक बेटी पति की प्रताड़ना का शिकार होकर अमेरिका में फंसी हुई है. उसने अपने आपको बचाने के लिए भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. इस संबंध में पीड़िता के माता-पिता और भाई ने पीएमओ और विदेश मंत्रालय में भी सहायता के लिए अनुरोध किया है. ट्विटर पर भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर मदद की गुहार लगाई गई है, लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुषमा स्वराज और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से ट्विटर के माध्यम से मदद करने का अनुरोध किया है.

प्रकाशपुन्ज द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि बिलासपुर के निवासी 59 वर्षीय वीएन राव की 28 वर्षीय पुत्री वी मेहर निधि का विवाह 2012 में विशाखापट्टनम के निवासी 36 वर्षीय डी रवि शंकर के साथ हुआ था. विवाह के 1 माह के दौरान ही दोनों के बीच तनाव की शुरुआत हो चुकी थी. धीरे धीरे रवि शंकर अपनी पत्नी मेहर निधि का शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण करने लगा, बावजूद इसके कि वह गर्भवती हो चुकी थी. 2013 में उन्हें एक बालक के रूप में संतान प्राप्ति हुई, जिसका लिंग जांच पहले ही निधि के विरोध के बाद भी कराया गया था.

लड़की के पिता से लड़के व उसके माता-पिता द्वारा समय समय पर पैसों की मांग भी की जाती रही. 2 साल तक रविशंकर के साथ तालमेल बनाने की नाकाम कोशिश के बाद निधि ने आगे की पढ़ाई कर आत्मनिर्भर बनाने का फैसला लिया और वापस आकर भारत में जीआरई की कोचिंग कर पास होने के बाद अमेरिका में ही एमएस करने के लिए कॉलेज में एडमिशन लिया. जिसके लिए उसे स्टूडेंट वीजा मिल गया.

अमेरिका जाने के बाद उसे उसके पति के अनैतिक सम्बन्धों का पता चला जिसका विरोध करने पर रविशंकर ने अपनी पत्नी मेहर निधि को डराने धमकाने के लिए अपने ही पुत्र को बाथटब में डुबोकर उसे मारने का प्रयास किया. जिसके बाद निधि वहां से जान बचाकर भाग गई. फिर निधि ने अपने बच्चे को भारत में अपने माता पिता के पास रखा और स्वयं जैसे तैसे पढ़ाई पूरी कर ली. तत्पश्चात उसे अमेरिका में ही स्वास्थ्य विभाग में नौकरी के लिए प्रस्ताव आया पर यह खबर उसके पति रविशंकर को हजम नहीं हुई. तो उसने अपनी पत्नी निधि के खिलाफ अपने ही बच्चे को लेकर भागने और डाइवोर्स का झूठा आरोप लगाकर कानूनी प्रक्रिया में फंसा दिया. जिसके बाद कोर्ट द्वारा उसका और उसके बच्चे का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया.

इस पर कोर्ट ने बच्चे को एक एक हफ्ता माँ और पिता के पास रखने का आदेश दिया. बच्चे और उसकी मां की शारीरिक और मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. निधि ने वहां इंडियन एम्बेसी और स्थानीय पुलिस से मदद की गुहार लगाई है पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. निधि के माता-पिता और भाई ने प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय में भी गुहार लगाई है, साथ ही ट्विटर पर भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी आग्रह किया है, लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है.

प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से इस मामले में यथासंभव मदद करने की अपील की है साथ ही भारत की जनता और अमेरिका में रहने वाले भारतीयों से भी अमेरिका में अपने मासूम बच्चे के साथ फंसी हुई भारत की बेटी को अधिक से अधिक सहयोग करने की अपील की है, क्योंकि उसकी मदद करने वाला वहां कोई नहीं है.

देखिये ​वीडियो…

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