रायपुर। भिलाई स्टील प्लांट के सबसे बड़े अस्पताल सेक्टर 9 हॉस्पिटल में डॉक्टरों की लापरवाही या कहिए कि जानबूझकर की गई गलती का एक बड़ा मामला सामने आया है. 5 डॉक्टरों की गलती ने बच्चों की जिंदगी हमेशा के लिए बरबाद कर दी है. न सिर्फ बच्चों की बल्कि पूरे परिवार की.
दरअसल डॉक्टरों से हुई गलती की वजह से दो बच्चों को एचआईवी हो गया है. फिलहाल दो मामले का खुलासा हुआ है. हद तो ये हो गई मामले के खुलासा होने के साल भर बाद भी अब तक इसमें दोषी डॉक्टरों के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जबकि मामले की शिकायत सेक्टर 9 अस्पताल से जिला स्वास्थ्य अधिकारी और छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ भारत सरकार से भी हो चुका है.
जानिए कब क्या और कैसे होती गई लापवाही
सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेजों से पूरे मामले का खुलासा,
जब बच्चे के पिता ने जन्म से संबंधित सभी रिकार्ड मांगे गए
रिकार्ड में बच्चें के जन्म के बाद खून चढ़ाने की बात सामने आई
19 अक्टूबर 2015 को गर्भवती महिला सेक्टर 9 अस्पताल में भर्ती कराई गई
21 अक्टूबर 2015 को बच्चे का जन्म हुआ
गलत तरीके डिलीवरी कराया गया
शिशु की श्वास प्रकिया को नुकसान पहुँचाया गया
शिशु मुर्छित अवस्था में बाहर आया
18 दिन तक बच्चे का इलाज चला
पिता का आरोप- 26 जून 2016 को बच्चे को खून चढ़ाया गया
मेरी जानकारी के बिना बच्चे को खून चढ़ाया गया
बच्चा बीमार हुआ तब खून की जाँच कराई गई
एक्सपाइरी किट से बल्ड की जाँच की गई
1 जुलाई 2016 को संक्रमित खून चढ़ाने के मामले का खुलासा हुआ
रिपोर्ट में एचआईवी पॉजीटिव मिला
4 जुलाई 2016 को तत्कालीन कलेक्टर ने जाँच के आदेश दिए
बच्चे को मुंबई सायन अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया
21 जुलाई को सेल के डायरेक्टर डॉ. एसके गुप्ता ने घटना की जाँच.
जाँच महज औपचारिकता रही
27 जुलाई 2017 को एसडीएम दुर्ग के साथ 4 सदस्यीय टीम ने जाँच की
8 अक्टूबर 2017 को जिला टीकाकरण अधिकारी ने जाँच की
13 दिसंबर 2017 को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की 4 सदस्यीय टीम ने जाँच की
सेक्टर 9 अस्पताल में इससे पहले इसी तरह से एक 8 साल के बच्चें को संक्रमित खून चढ़ाने एचआईवी हो चुका है.
अब एक बार इस मामलें जिला स्वास्थ्य मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने 3 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम जाँच के लिए गठित कर दी है.