रायपुर। दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार छत्तीसगढ़ की झाँकी धूम मचाने जा रही है. गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह से पहले आज राजपथ पर पूर्ण वेश-भूषा के साथ जब अंतिम पूर्वाभ्यास के लिए झाँकी निकली, तो लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से जबर्दस्त स्वागत किया. छत्तीसगढ़ की विभिन्न आदिम वाद्य यंत्रों से सजी झाँकी की झलक देखकर कोई भी मंत्र मुग्घ हो जाएगा.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झाँकी का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है- अहा! देखिए ज़रा… जैसे छत्तीसगढ़ का स्वाभिमान अपने आप में हमारे प्रदेश की महान संस्कृति को समेटे हुए दिल्ली के राजपथ पर क़दम ताल करते हुए कह रहा हो “बात है अभिमान की, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की” यह देखकर मन गौरवान्वित है। छत्तीसगढ़ महतारी की जय हो! (राजपथ पर फुल ड्रेस रिहर्सल)
अहा!
देखिए ज़रा…
जैसे छत्तीसगढ़ का स्वाभिमान अपने आप में हमारे प्रदेश की महान संस्कृति को समेटे हुए दिल्ली के राजपथ पर क़दम ताल करते हुए कह रहा हो "बात है अभिमान की, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की"
यह देखकर मन गौरवान्वित है। छत्तीसगढ़ महतारी की जय हो!
(राजपथ पर फुल ड्रेस रिहर्सल) pic.twitter.com/L9ftfxHFHz— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) January 23, 2021
बता दें कि इस झाँकी में बस्तर के कलाकार देश-दुनिया को छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति को वाद्य यंत्रों के माध्यम से रूबरू कराएंगे. त्योहारों में वाद्य यंत्रों की संस्कृति और परंपरा समाहित है, लेकिन यहां की मुख्य पहचान धनकुल है. यह वाद्य यंत्र काफी अद्भुत है. बस्तर की एक और पारंपरिक वाद्य यंत्र है, जिससे कई लोग अनजान हैं. उसे मुंडा बाजा कहा जाता है. नारायणपुर और सरगुजा की ऐतिहासिक मांदरी वाद्य यंत्र राजपथ में धूम मचाएगी. कलाकार इसके माध्यम से यहां की तीज त्योहारों का बखान करेगी. झाँकी के साथ 12 कलाकारों की टीम प्रस्तुति देंगी. इसमें 4 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं.
झाँकी में 22 वाद्य यंत्रों की होगी प्रस्तुति
छत्तीसगढ़ी कलाकरों की ओर से धनकुल, अलगोजा, खंजेरा, नगाड़ा, टासक, बांस बाजा, चिकारा टुड़बुड़ी, हांडक, मिरदिन, मंदिर मांडिया ढोल समेत कुल 22 गानों की प्रस्तुतियां होगी.