रायपुर- 15 साल बाद सत्ता में जबरदस्त वापसी के साथ ही कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री पद के लिए भूपेश बघेल ने आज शपथ ले ली है. राज्यपाल आनंदीबेन ने भूपेश बघेल समेत दो मंत्री टी एस सिंहदेव औऱ ताम्रध्वज साहू को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, आनंद शर्मा, मल्लिकार्जुन खडगे, राज बब्बर, सचिन पायलट, फारूख अब्दुल्ला, नवजोत सिंह सिद्धु, शरद यादव, राजीव शुक्ला, मोतीलाल वोरा, बी के हरिप्रसाद, नारायण सामी समेत कई दिग्गत नेता शामिल हुए. समारोह में जिस अंदाज में कांग्रेस के आला नेताओं के साथ-साथ महागठबंधन के नेता शरीक हुए हैं, ये बताता है कि कांग्रेस 2019 के आम चुनाव की तैयारी में अब से ही जुट गई है. नेताओं की एकजुटता मोदी सरकार के लिए एक बड़ा संदेश देती नजर आई.
राजनीति में भूपेश बघेल के घुर विरोधी माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए. भूपेश बघेल ने उन्हें व्यक्तिगत तौर पर समारोह में शामिल होने का न्यौता दिया था. शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के तमाम निर्वाचित विधायकों के अलावा हजारों की तादात में कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हुए. साइंस कालेज मैदान में बारिश होने की वजह से आनन-फानन में इंडोर स्टेडियम में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया, जिसकी वजह से भारी अव्यवस्था भी हुई. जोश और उत्साह से लबरेज हजारों की तादात में पहुंचे कार्यकर्ता स्टेडियम के भीतर दाखिल नहीं हो सके.
जानिए कौन हैं भूपेश बघेल
- 1961 में 23 अगस्त बघेल का जन्म दुर्ग जिले के पाटन तहसील में हुआ. बघेल तेज तर्रार राजनीति और बेबाक अंदाज के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में जाने जाते हैं.
- 1985 में बघेल ने यूथ कांग्रेस से राजनीतिक सफर शुरू हुआ.
- 1993 में जब मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में वे पहली बार पाटन से विधायक चुने गए.
- 1994-95 में मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष चुने गए.
- 1999 में मध्य प्रदेश सरकार में बघेल कैबिनेट मंत्री बने.
- 1993 से 2000 तक मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर की जिम्मेदारी भी संभाली.
- 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य बनने पर वे जोगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.
- 2003 में पाटन से चुनाव जीतने के बाद विधानसभा में विपक्ष के उपनेता बना.
- 2013 में एक बार फिर पाटन से जीत दर्ज की और 2014 में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष बने.
आक्रामक छवि के नेता हैं भूपेश
भूपेश बघेल की पहचान आक्रामक राजनेता की रही है. दिग्विजय और जोगी सरकार में मंत्री रहने के दौरान भी बघेल अपने तेवरों के लिए जाने जाते रहे. साल 2014 में छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के खिलाफ लड़ते हुए कांग्रेस संगठन को मजबूती से खड़े करने की जिम्मेदारी मिलने के पीछे भी उनकी आक्रामकता ही एक बड़ी वजह रही. भूपेश न डिगे और न ही डरे. उन्होंने पूरी निडरता से सत्ता के विरोध में जमकर आंदोलन चलाया. यही वजह रही कि सरकार बनने के बाद आलाकमान ने उनकी ताजपोशी मुख्यमंत्री के रूप में की. भूपेश बघेल ने लंबे समय तक पार्टी के लिए सड़कों पर संघर्ष किया है. उन्होंने रमन सिंह सरकार के साथ-साथ पार्टी से अलग हुए अजीत जोगी से मिली चुनौती का भी सामना किया. कुर्मी क्षत्रिय परिवार से ताल्लुक रखने वाले बघेल राज्य में पार्टी की जीत पर कह चुके हैं कि राहुल गांधी ने उन्हें छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बहुमत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी और उन्होंने यह कर दिखाया. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले भूपेश बघेल राजनीतिक गलियारे में अपने आक्रामक तेवर के लिए जाने जाते हैं. 90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस ने 68 सीटों पर जीत हासिल की है. बीजेपी महज 15 सीटों पर सिमट कर रह गई. इस जीत का सेहरा बघेल के सिर ही बांधा जा रहा है, क्योंकि विधानसभा चुनाव से लेकर नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव की सारी रणनीति उन्होंने ही बनाई. कार्यकर्ताओं को तवज्जो देकर निकाय और पंचायत चुनाव में बघेल ने जो नतीजे हासिल किए, उसने पार्टी आलाकमान और वर्कर्स में विश्वास जगाने का काम किया.
अब कांग्रेस के इन वादों पर होगी जनता की नजर
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान जारी किए गए अपने घोषणा पत्र में ढेरों वादे किए थे. लिहाजा अब जब सरकार बन गई है. नए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शपथ ले ली है, तो जाहिर है किसानों से लेकर प्रदेश की जनता तक की नजरें उन वादों पर जा टिकी हैं, जिनके बूते कांग्रेस सत्ता की दहलीज तक पहुंची है. कांग्रेस ने वादों के पिटारों में ऐसे वादे अहम हैं, जिन पर जनता की नजरें सबसे ज्यादा टिकी हुई है.
- दस दिनों के अंदर किसानों का कर्जा माफ करना.
- 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी करना.
- बिजली बिल हाफ करने का वादा.
- छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी करने का वादा.
- प्रदेश में 200 फूड पार्क स्थापित किए जाएंगे. प्रत्येक ब्लाक में कम से कम एक फूड पार्क स्थापित किया जाएगा
- राज्य में आउटसोर्सिंग को समाप्त करने का वादा.
- अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को रिक्त पदों में नियमितीकरण करने की घोषणा करने का वादा.
- पुलिस कल्याण कोष में समय-समय पर शासकीय अनुदान प्रदान कर सशक्त करने का वादा.
- छत्तीसगढ़ के नागरिकों को घर पहुंच सरकारी सेवाओं का लाभ देने का वादा.
- चिटफंड कंपनी में निवेश करने वाले निवेशकों का पैसा वापस करने और चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का वादा.