शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ से 16 मासूम बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। वहीं मामले को लेकर गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) आज तमिलनाडु पहुंच रही है। 12 सदस्यीय इस टीम का मकसद है दवा बनाने वाली कंपनी के राज उजागर करना। कंपनी की फैक्ट्री कांचीपुरम में स्थित है, जहां से सिरप की सप्लाई हुई थी। SIT वहां कंपनी से जुड़े लोगों से सख्त पूछताछ करेगी। फैक्ट्री का दौरा कर सबूत जुटाएगी।
नागपुर में बच्चों के इलाज का रिपोर्ट लेगी टीम
सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के बाद कुछ और आरोपी बनाए जा सकते हैं। अभी तक डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर निलंबित किया जा चुका है, जिन्होंने ज्यादातर बच्चों को यह सिरप लिखा था। कंपनी के खिलाफ भी FIR दर्ज है, और जांच में सिरप में 48% से ज्यादा जहरीला केमिकल डायएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है। दूसरी तरफ, स्वास्थ्य विभाग की टीम नागपुर पहुंच चुकी है। यहां 14 बीमार बच्चों में से 6 ICU में हैं। टीम इलाज की रिपोर्ट लेगी और आगे की कार्रवाई तय करेगी।
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NHRC ने लिया संज्ञान
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने सिरप की बिक्री पर पूर्ण बैन लगा दिया है, और प्रभावित परिवारों को 4 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने भी संज्ञान ले लिया है। आयोग ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, ताकि दोषियों को सजा सुनिश्चित हो।
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