शरद पाठक, छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पास स्थित सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास में रहने वाली 10 वर्षीय दिव्यांग बच्ची ने हॉस्टल की एक महिला कर्मचारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बच्ची का कहना है कि उसके हाथ में एक धार्मिक धागा बंधा था। जिसे काटने के लिए कहा, जब बच्ची ने इनकार किया तो हॉस्टल की मैडम ने गरम वस्तु से उसके दोनों हाथों को दाग दिया।
छिंदवाड़ा के सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास की दिव्यांग बच्ची ने बताया कि उसके माता-पिता ने किसी बीमारी के इलाज हेतु बंधवाया था। उन्हें इसे काटने से मना किया गया था। जब उसने मैडम पाटिल को यह बताया तो वे क्रोधित हो गईं और उसकी बात न मानते हुए अत्याचार किया।
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घटना की जानकारी मिलते ही परिजन बच्ची को हॉस्टल से अपने गांव चौरई ब्लॉक के लिखड़ी ले गए। जहां बच्ची ने आप बीती सुनाई। परिजनों ने बताया कि बच्ची के हाथों पर जलने के निशान हैं और उसका मानसिक संतुलन भी इस घटना से प्रभावित हुआ है। हालांकि जब इस विषय में मैडम पाटिल से पूछा गया तो उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताया और कहा कि बच्ची जानबूझकर गलत कहानी गढ़ रही है।
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अब सवाल यह उठता है कि क्या छात्रावासों में बच्चों की देखरेख के नाम पर अमानवीयता छिपाकर बरती जा रही है ? क्या दिव्यांग बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई स्पष्ट निगरानी प्रणाली है। इस मामले ने जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर से प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
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