रायपुर। राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग ने नदियों पर बने पुलों के दोनों ओर अस्थाई बैरियर, रिफ्लेक्टर और साइन-बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं. विभाग ने मैदानी अधिकारियों को क्षतिग्रस्त पुलों की रेलिंग और क्रैश बैरियर का निरीक्षण कर आवश्यक सुधार कार्य कराने को कहा है. उप मुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री अरुण साव के निर्देश पर प्रमुख अभियंता ने वर्षा ऋतु में अतिवृष्टि से जान-माल की सुरक्षा और सुरक्षित यातायात के लिए सभी परिक्षेत्रों के मुख्य अभियंताओं, सभी मंडलों के अधीक्षण अभियंताओं और संभागीय कार्यपालन अभियंताओं को परिपत्र जारी किया है. उन्होंने सभी अधीक्षण अभियंताओं को हर 15 दिनों में अनुविभागीय अधिकारियों और कार्यपालन अभियंताओं के साथ इस संबंध में की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं.

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता के.के. पीपरी ने परिपत्र में निर्देशित किया है कि ऐसे सभी स्थानों और मार्गों जिनमें वर्षा ऋतु में आम जनता के लिए समस्या की स्थिति उत्पन्न होती है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए. बारिश के दिनों में अतिवृष्टि से मार्गों पर विद्यमान नदी-नालों पर बाढ़ एवं कई स्थानों में सड़क डूबने जैसी स्थिति निर्मित होती है. इन स्थितियों में जान एवं माल की सुरक्षा तथा कार्यस्थलों पर सुरक्षित कार्य के लिए समुचित व्यवस्था किया जाना सुनिश्चित करें. उन्होंने ऐसे सभी स्थानों को चिन्हांकित करने के निर्देश दिए हैं जहां वर्षा ऋतु के दौरान मार्ग और पुल के डूबने की स्थिति निर्मित होती है.

प्रमुख अभियंता ने सभी जलमग्नी पुलों के दोनों ओर अस्थाई बैरियर, रिफ्लेक्टर और साइन-बोर्ड की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं जिससे बाढ़ या पुल के जलमग्न होने की स्थिति में यातायात को बंद किया जा सके. जलमग्न होने वाले स्थानों के दोनों ओर आवश्यक सूचना पटल लगाकर राहगीरों को सूचित किया जाए कि मार्ग जलमग्न हो सकता है. जलमग्न होने की स्थिति में रूके. उन्होंने सभी क्षतिग्रस्त पुलों की रेलिंग एवं क्रैश बैरियर का निरीक्षण कर आवश्यक सुधार कार्य के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया है.

विभाग द्वारा जारी परिपत्र में अतिवृष्टि वाले क्षेत्रों की लगातार समीक्षा करने तथा बाढ़ नियंत्रण के लिए टीम गठित करने को कहा गया है. जलमग्न होने की स्थिति में टीम चौबीसों घंटे काम करेगी. विभाग के कार्यपालन अभियंताओं को अतिवृष्टि की स्थिति में जिले में गठित बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ के लगातार संपर्क में रहने को कहा गया है. बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर कार्यपालन अभियंता अपने अधीनस्थों के साथ तत्काल तत्परता से कार्यवाही करेंगे. प्रमुख अभियंता ने डूबान क्षेत्र में आने वाले सड़कों के आसपास संधारण के लिए पर्याप्त मटेरियल की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि मार्ग क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में तत्काल सुधार किया जा सके.

लोक निर्माण विभाग ने निर्माणाधीन और चौड़ीकरण के प्रगतिरत कार्यों वाले मार्गों में भी सभी आवश्यक सावधानी सूचक चिन्ह, रिफ्लेक्टिव साइन-बोर्ड, सेफ्टी रिबन्स, गार्ड स्टोन्स, चूना पोताई हुई बोरियां आदि की हर समय उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. निर्माणाधीन पुल-पुलियों में किसी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति उत्पन्न न हो, इसका भी ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. वर्षा ऋतु में किसी भी अप्रिय स्थित से बचने सभी शासकीय भवनों का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करने कहा गया है. विभाग ने सभी संवेदनशील स्थानों तथा मार्गों के किलोमीटरों पर सतत और चैतन्य दृष्टि रखने के लिए उप अभियंताओं और अनुविभागीय अधिकारियों की नामजद ड्यूटी लगाकर प्रमुख अभियंता कार्यालय तथा राज्य शासन को अवगत कराने को कहा है.