Gyanvapi ASI Survey. ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे का आज तीसरा दिन है. सर्वे टीम सुबह से ही परिसर की मस्जिद में मौजूद रहकर अपना काम कर रही है. इस बीच ज्ञानवापी के मुख्‍य इमाम मुफ्ती अब्‍दुल बातिन नोमानी ने दावा किया है कि सर्वे की जो तस्‍वीरें बताई जा रही हैं वो वहां की नहीं है. मीडिया से बातचीत में इमाम अब्‍दुल नोमानी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद थी और रहेगी.

इमाम अब्‍दुल नोमानी ने कहा कि हमारे यहां इस्‍लाम में बिल्‍कुल यह कानून बना हुआ है कि किसी गैर की इबादतगाह या मकान पर भी यदि नाजायज कब्‍जा करके मस्जिद बनवा दी जाए तो उसे मस्जिद नहीं मानते और वहां नमाज पढ़ना सही नहीं है. उन्‍होंने कहा कि वहां मंदिर होने और उसे गिरवाकर मस्जिद बनवाने का सवाल ही नहीं है. ऐसा हो ही नहीं सकता. इस्‍लाम में ऐसा हो ही नहीं सकता और औरंगजेब तो जिस तरह के धार्मिक शख्‍स थे उनसे तो ऐसी उम्‍मीद ही नहीं की जा सकती. औरंगजेब का मामला अन्‍य शासकों से अलग था. वह ज्‍यादा ही धार्मिक थे. उन्‍होंने मस्जिद के साथ-साथ मठों और मंदिरों को भी जमीनें दी हैं.

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इमाम ने कहा कि हम हर जुमा को वहां नमाज पढ़ाने जाते हैं वहां कभी ऐसे निशान नहीं दिखे जिन्‍हें हिन्‍दू प्रतीक चिह्न बताया जा रहा है. हम कैसे मान लें कि वे सही कह रहे हैं. इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है. मैं कहता हूं कि यदि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई भी जाएगी तो उसके निशान क्‍यों छोड़ देंगे. सब बिल्‍कुल जाया कर देंगे, क्‍यों निशान बाकी रखेंगे. इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है.

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