Supreme Court CJI DY Chandrachud: भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ( chief Justice DY Chandrachud) ने निचली अदालतों के जजों के ‘कॉमन सेंस’ (common sense) पर सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि जिन लोगों को निचली अदालतों से जमानत मिलनी चाहिए, उन्हें वहां नहीं मिल रही है। इसकी वजह से उन्हें हमेशा उच्च न्यायालयों का रुख करना पड़ता है। इसके कारण उच्च न्यायालयों में केस (मामले) की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। लोअर कोर्ट के जज अपने ‘कॉमन सेंस’ का सही इस्तेमाल करना चाहिए।

पत्नी नहीं हो रही थी प्रेग्नेंट तो अस्पताल लेकर पहुंचा पति, फिर जो बात पता चली उसके पैरों तले जमीन खिसक गई, FIR करवाई- Wife Was Not Getting Pregnant

दरअसल चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ रविवार को बर्कले सेंटर (Berkeley Centre) के 11वें वार्षिक सम्मेलन में तुलनात्मक समानता और भेदभाव विरोधी (Comparative Equality and Anti-Discrimination) मुद्दे पर स्पीच दे रहे थे। इस दौरान उनसे कुछ सवाल पूछे गए, जिसके जवाब में उन्होंने ये बातें कही। CJI से किया गया सवाल मनमाने ढंग से की जाने वाली गिरफ्तारियों के बारे में था।

मंदिर के 3 सेवादारों ने महिला से गैंगरेप के बाद मार डालाः आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर लोगों ने निकाली रैली- Thane Gangrape

चीफ जस्टिस ने कहा कि जब अपराध के अहम मुद्दों को संदेह के नजरिए से देखा जाता है, तो ट्रायल जज जमानत न देकर सेफ खेलना पसंद करते हैं। चीफ जस्टिस ने हर मामले की बारीकियों को देखने के लिए ‘मजबूत कॉमन सेंस’ की जरूरत पर जोर दिया।

चीन को लेकर PM मोदी पर सुब्रमण्यम स्वामी ने लगाए सनसनीखेज आरोप, पूछा- क्या डील में आप भी हैं शामिल? – Subramanian Swamy

CJI ने कहा कि जिन लोगों को निचली अदालतों से जमानत मिलनी चाहिए, उन्हें वहां नहीं मिल रही है। इसकी वजह से उन्हें हमेशा उच्च न्यायालयों का रुख करना पड़ता है। जिन लोगों को उच्च न्यायालयों से जमानत मिलनी चाहिए, उन्हें जरूरी नहीं कि वह मिले, इसकी वजह से उन्हें सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ता है। यह देरी उन लोगों की मुश्किल को और बढ़ा देती है, जिन्हें मनमानी गिरफ्तारी का सामना करना पड़ रहा है।

3 मौतों के बाद जागी MCD, बेसमेंट में चल रहे 13 कोचिंग सेंटर सील किए- Delhi IAS Coaching Incident

मुझे इस बात से नफरत है

चीफ जस्टिस के मुताबिक, ज्यादातर मामलों को सुप्रीम कोर्ट में आना ही नहीं चाहिए था। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हम जमानत को प्राथमिकता इसलिए दे रहे हैं, जिससे पूरे देश में यह मैसेज जाए कि फैसला लेने की प्रक्रिया के सबसे शुरुआती स्तर पर बैठे लोगों को यह भावना रखे बिना अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। मुझे इस बात से नफरत है कि मेरा करियर दांव पर लग जाएगा।

Kangana Ranaut: कंगना रनौत की संसद सदस्यता होगी रद्द! हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H