रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत निर्मित गौठानों में पशुधन के रख-रखाव की व्यवस्था तथा गौठानों के सु-व्यवस्थित संचालन के लिए 10 करोड़ 80 हजार रूपए की मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में वित्त विभाग ने यह राशि प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा सचिव नगरीय प्रशासन विभाग को जारी कर दी है। राज्य के 2502 गौठानों को 40-40 हजार रूपए के मान से यह राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें से 2300 गौठान ग्रामीण इलाके के तथा 202 गौठान नगरीय क्षेत्रों में स्थित हैं।

यहां यह उल्लेखनीय है कि पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निर्मित गौठानों में पशुओं के रख-रखाव, चारे-पानी की व्यवस्था के साथ ही बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन एवं आजीविका की अन्य गतिविधियों संचालित की जा रही है। आगामी 20 जुलाई हरेली पर्व से प्रदेश में गोधन न्याय योजना शुरू होने जा रही है। इस योजना के तहत पशुपालकों एवं किसानों से निर्धारित दर पर गोबर की खरीदी की जाएगी। क्रय गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने का काम भी गौठानों में होगा। गौठान समितियां उक्त सभी कार्यों को बेहतर तरीके से संचालित कर सकें, इसको ध्यान में रखते हुए उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जा रही है। गौठान समितियों को हर महीने 10 हजार रूपए की सहायता दिए जाने का प्रावधान पहले से ही शासन द्वारा किया गया है। गौठान समितियों को आर्थिक सहायता दिए जाने का उद्देश्य गौठान की व्यवस्था को बेहतर और सुदृढ़ बनाना है।