रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी द्वारा आयोजित कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सभा सांसद राहुल गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी बैठक में उपस्थित थे. मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ में कोरोना से बचाव और रोकथाम, लॉक डाउन के संबंध मेंं आगे की रणनीति की जानकारी बैठक में दी. उन्होंने प्रदेश में जरूरतमंदों की मदद के उपायों की जानकारी दी और कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों की राज्य वापसी में लगने वाले ट्रेन के सारे खर्च को वहन करेगी. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मनरेगा में प्रदेश में 20 लाख लोगों को रोजगार मिला है और छत्तीसगढ़ वनोपज संग्रहण में पूरे देश में अव्वल है.

मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ के लगभग 1 लाख 24 हजार श्रमिक 21 राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में लॉक डाउन के कारण फंसे हैं. राज्य सरकार श्रमिकों को राज्य वापसी में लगने वाले ट्रेन के सारे खर्च को वहन करेगी. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा रेल मंत्रालय से 28 ट्रेनें चलाने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कोटा में लॉकडाउन के कारण फंसे छत्तीसगढ़ के 2252 विद्यार्थियों को 97 बसों में वापस लाया गया है. इस पर राज्य सरकार द्वारा लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है.

उन्होंने बैठक में बताया कि राज्य और राज्य के बाहर लगभग 3 लाख श्रमिकों की समस्याओं का निराकरण किया गया है. अन्य राज्यों में संकट का सामना कर रहे हैं 16 हजार 885 श्रमिकों को लगभग 66 लाख रुपए की राशि सहायता के रूप में दी गई है. लॉकडाउन में मनरेगा के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ पूरे देश में प्रथम स्थान में है. प्रदेश की 9883 ग्राम पंचायतों में चल रहे मनरेगा के कार्यों में लगभग 20 लाख मजदूर काम कर रहे हैं. राज्य के अंदर श्रमिकों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थित अपने गांव जाने के लिए व्यवस्था की गई है.

इसी तरह बघेल ने बैठक में जानकारी कि वनोपज संग्रहण में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है देश के कुल वनोपज संग्रहण का 99 प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ में किया गया. छत्तीसगढ़ में अप्रैल माह में बेरोजगारी की दर केवल 3.4 प्रतिशत रही जबकि उस समय देश की औसत बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत रही है. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जरूरतमंद लोगों को राहत पहुंचाने के लिए प्रदेश के 56 लाख से अधिक गरीब परिवारों को 3 माह अप्रैल, मई और जून का राशन निशुल्क दिया गया है. बिना राशन कार्ड वाले व्यक्तियों को भी प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल दिया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि अवकाश अवधि में स्कूली बच्चों आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों, गर्भवती माताओं और किशोरी बालिकाओं को सूखा राशन वितरित किया जा रहा है. हर ग्राम पंचायत में जरूरतमंद लोगों के लिए 2 क्विंटल चावल की व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री ने बताया स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई के लिए ‘पढ़ाई तुंहर द्वार’ पोर्टल प्रारंभ किया गया है. जिसमें अब तक 21 लाख 26 हजार विद्यार्थी और 1लाख 88 हजार शिक्षक पंजीकृत हुए हैं. रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में कृषि और उससे संबंधित कार्यों में बनी तेजी को सराहा है. किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के अंतर्गत लॉक डाउन की अवधि में अब तक 900 करोड रुपए की राशि उनके खातों में अंतरित की जा चुकी है.