नारायणपुर । ‘‘वर्तमान युग प्रतिस्पर्धा का युग है, यहां प्रतिस्पर्धा हर क्षेत्र में है। अतः शिक्षा के क्षेत्र में भी यही बात लागू होती है। इसलिए विशेष योग्यताधारी होने के लिए जितनी भाषा का ज्ञान हमें होगा, हमारे सफल होने के अवसर उतने ही बढेंगे। जिला मुख्यालयों में अंग्रेजी माध्यम की शालाओं को प्रारंभ किया जाना ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को शिक्षा में समान अवसर देने और लक्ष्य प्राप्ति की ओर उठाया गया एक बड़ा कदम है।’’ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को नारायणपुर जिले के सिंगोड़ीतराई में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किये।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण एवं निम्न मध्यम वर्ग के पालकों के लिए अपने बच्चों को मंहगे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ाना बड़ा कठिन होता था। इसके अलावा नौकरी पेशा पालकों के स्थानांतरण जैसे मामलों में भी बच्चों की पढ़ाई एक विचारणीय मुद्दा बन जाता था। इन्हीं सब कारणों के मद्देनजर राज्य शासन द्वारा जिला मुख्यालयों में अंग्रेजी माध्यम शालाओं को प्रारंभ करने का फैसला लिया गया। अब सरकार इसकी बढ़ती उपयोगिता और मांग को देखते हुए आने वाले वर्षों में विकासखंड मुख्यालयों में भी 100 अंग्रेजी माध्यम की शालाओं को प्रारंभ करेगी।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी एक वैश्विक भाषा होने के साथ-साथ देश-विदेश में सामान्य वार्तालाप का मुख्य साधन भी है। अतः अंग्रेजी का ज्ञान वर्तमान में हर किसी के लिए जरूरी है। रोजगार और पर्यटन के क्षेत्र में अंग्रेजी भाषा जानने वाले को महत्व दिया जाता है। उन्होंने छात्रों से कहा कि छात्र जीवन सीखने की उम्र होती है। अतः जो भी सीखे उसमें चिंतन मनन अवश्य करें और जिज्ञासु प्रवृत्ति को अपनायें। इसके साथ ही उन्होंने स्वामी आत्मानंद द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिये गये समग्र योगदान की चर्चा करके छात्रों को उनसे प्रेरणा लेने की सीख भी दी।
मुख्यमंत्री के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल पहुंचने पर छात्र-छात्राओं एवं शैक्षणिक स्टॉफ द्वारा आत्मीयता पूर्वक स्वागत किया और शाला के प्राचार्य शराफत अली ने उन्हें स्कूल की शैक्षणिक गतिविधियों से अवगत कराया। छात्र-छात्राओं ने उन्हें अपने हाथों से बनाया चित्र भी उन्हें भेंट किया।