रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को आदिवासी शासकीय सेवा संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे. कार्यक्रम में आदिवासी समाज के नव निर्वाचित विधायकों का सम्मान किया गया. आदिवासी समाज ने कार्यक्रम में 27 जिलों में से 9 जिलों में कलेक्टर और एसपी आदिवासी समाज का हो, विभिन्न पदों में प्रतिनिधित्व मिले, विश्व आदिवासी दिवस पर शासकीय अवकाश घोषित करने समेत गई मांग मुख्यमंत्री के सामने रखी. वहीं सुनील कुजूर को मुख्य सचिव बनाए जाने पर आदिवासी समाज ने मुख्यमंत्री का आभार जताया.

इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि एकतरफा चुनाव जीतने पर लोगों का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि पूरे हिंदुस्तान में पहली बार कोई आदिवासी मुख्य सचिव बनाया है. ये आप लोगों के लिए खुसी की बात है. परिवर्तन दिख रहा है, आप लोगों ने जो मांगे रखी है संविधान के दायरे में है. हमने हमेशा कहा है कि फारेस्ट एक्ट कानून का सही पालन नहीं हुआ है. इसके नियम का पालन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि  अधिकारियों को समझ नहीं आ रहा है. इसलिए सभी संभागों के एसडीएमो का सम्मेलन करवाने जा रहे है.

15 साल से अधिकारियों में लगा है जंग

भूपेश ने आदिवासी प्राधिकरण के अध्यक्ष को लेकर कहा कि मैं पहले ही घोषणा कर चुका हूं कि आदिवासी ही प्राधिकरण के अध्यक्ष होगा. वहीं इसका देखभाल करेगा. जनजातीय परिषद को मजबूत बनाना है. मैंने आदिवासियों को टाटा द्वारा अधिग्रहित जमीन वापस देने की घोषणा की, लेकिन आदेश निकालने में तकलीफ हो रहा है. छत्तीसगढ़ का वर्क कल्चर 15 साल में खराब हो गया है. 15 साल के अधिकारियों में जंग लग गया है. काम कैसे अधिकारियों को कराना है ये हमें आता है. हम डराना धमकाना नहीं चाहते, लोगों का भला हो यही चाहते है. आप लोगों के आशीर्वाद से सभी मांगे पूरी होगी. जो आपकी मांगे है उस पर परीक्षण किया जाएगा.

खतरे में संविधान, लोकसभा में चुनिए कांग्रेस की सरकार

उन्होंने कहा कि लोकसभा में भी कांग्रेस की सरकार चुनिए. आपकी सभी मांगे पूरी होगी. संविधान आज खतरे में है, जो पार्टी ने संविधान को खतरे में डाला है उस पार्टी को लोकसभा चुनाव से उखाड़ फेंकना है.

पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ कैबिनेट मंत्री कवासी लखाम, मंत्री अनिला भेड़िया, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम, पूर्व सांसद सोहन पोटाई के साथ नवनिर्वाचित विधायक मौजूद रहे.