रायपुर। हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है. 5 जुलाई के दिन विधिवत रूप से गुरु पूजन किया जाता है. इसको व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन सनातन धर्म में गुरु पूजा का विधान है. राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरु पूर्णिमा की प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.

राज्यपाल उइके ने अपने संदेश में कहा है कि गुरू का किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है. गुरू अंधकार से निकालकर उजियारे की ओर ले जाता है, उसे मार्गदर्शन देता है. सही और गलत में निर्णय करना सिखाता है. सही अर्थों में उसका दूसरा जन्मदाता होता है. प्राचीन काल से हमारे देश में गुरू को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. उन्हें साक्षात परब्रम्हा की उपमा दी गई है. इस अवसर पर हमें अपने गुरूजनों को याद करते हुए उनकी दी गई शिक्षा को जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए.

मुख्यमंत्री भूपेश ने जारी अपने संदेश में कहा है कि भारत में गुरू पूर्णिमा के दिन परम्परागत रूप से गुरूओं के अमूल्य ज्ञान और मार्गदर्शन के प्रति सम्मान और आभार प्रकट किया जाता है. भारतीय संस्कृति में गुरू को सर्वोच्च स्थान दिया गया है. गुरू जीवन में अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर ज्ञान की रोशनी लेकर आते हैं. बेहतर समाज के निर्माण में गुरूजन अहम भूमिका निभाते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरूजनों के प्रति सम्मान हमारी परम्परा रही है. हमें गुरूजनों के प्रति सदैव श्रद्धा और सम्मान का भाव रखना चाहिए.