नई दिल्ली/देहरादून। हरक सिंह रावत को उत्तराखंड मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण भाजपा ने भी उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की खबरों के बीच भाजपा ने उनके खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें सरकार और भाजपा दोनों से ही बाहर कर दिया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा कदम उठाते हुए अपनी ही सरकार के कद्दावर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है। मुख्यमंत्री द्वारा सख्त कदम उठाने से पहले पार्टी ने भी अनुशासनहीनता को स्वीकार नहीं करने का हवाला देकर रावत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है।
बता दें कि 2017 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हरक सिंह रावत पिछले लंबे समय से भाजपा से नाराज चल रहे थे। रावत लगातार अपनी नाराजगी को सार्वजनिक तौर पर जता भी रहे थे। बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत भाजपा से अपने और अपनी बहू, दोनों के लिए विधानसभा का टिकट मांग रहे थे। लेकिन भाजपा ने साफ तौर पर उन्हें यह कहते हुए मना कर दिया कि एक परिवार से दो लोगों को टिकट नहीं दिया जा सकता।
शनिवार को उम्मीदवारों का चयन करने के लिए देहरादून में हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होकर रावत ने यह इशारा कर दिया था कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वो भाजपा छोड़ सकते हैं। रविवार को जैसे ही रावत के कांग्रेस के एक बड़े नेता से मुलाकात करने और सोमवार को कांग्रेस में शामिल होने की खबर आई, भाजपा ने सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें प्रदेश सरकार और पार्टी, दोनों से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया।
भाजपा आलाकमान ने यह सख्त एक्शन लेकर हरक सिंह रावत के समर्थक विधायकों और पार्टी पर दवाब डालने की कोशिश करने वाले तमाम नेताओं को यह संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी अब किसी भी कीमत पर अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी।