रायपुर- स्वास्थ्य केंद्रों में स्वच्छता और मूलभूत सुविधाओं को लेकर दिए जाने वाले कायाकल्प अवार्ड समारोह में मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि- मुझे सरकारी अस्पतालों पर पक्का भरोसा है. हाल ही में बहू ऐश्वर्य की हुई डिलीवरी से जुड़ी घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि- ऐसा लग रहा था कि मेरी बहु की डिलीवरी एक महीने पहले ही हो जाएगी. क्रिटिकल स्थिति में बड़ा निर्णय लेने का वक्त था. दिल्ली में एम्स के डाॅक्टरों से भी बातचीत हो गई थी. डाॅक्टरों ने सलाह दिया था कि एम्स ले जाया जाए. लेकिन इस बीच मैंने मेकाहारा के डाॅक्टरों से बात की. मेकाहारा के डाॅक्टरों ने कहा कि-हम यहां ही डिलीवरी कराएंगे. मैंने निर्णय़ लिया कि दिल्ली के एम्स से बेहतर हैं, यहां इलाज कराया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने प्रैक्टली अनुभव किया है. मेरे पिता को भी जब एडमिट करना था, मैंने मेकाहारा में ही एडमिट किया. मुझे भी जब जरूरत पड़ती हैं, वहीं जाता हूं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी चिकित्सकों के सामूहिक प्रयास से स्वास्थ्य सेवा में बड़ा परिवर्तन आया हैं. स्वास्थ्य विभाग के इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आया है. वर्क कल्चर बेहतर हुआ है. सरकारी अस्पतालों में आम नागरिक की विश्वसनीयता बढ़ी है. कायाकल्प अवार्ड जैसे कार्यक्रमों से प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो रही है. डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अब दूरस्त अंचलों के अस्पतालों में भी बेहतर काम हो रहा है. यह सबके लिए सुखद आश्चर्य है. क्योंकि छत्तीसगढ़ बरसों से स्वास्थ्य सेवाओं में पिछड़ा रहा था. मुख्यमंत्री ने मीडिया से आग्रह करते हुए कहा कि-कमजोरी दिखाए अच्छी बात हैं, लेकिन कुछ अच्छाइयों को भी दिखाना चाहिए. छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य सेवा में बड़ा व्यापक परिवर्तन किया है. ये बातें हम नहीं कहते हैं, बेहतर स्वास्थ्य के लिए निर्धारित सारे इंटिगेटर बताते हैं. डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हुए परिवर्तन के पीछे डीएमएफ की भी बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि हेल्थ, एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर में जितना काम किया जाएगा, उतनी ही प्रतिष्ठा समाज में बढ़ेगी.
चौथी बार भी रमन करेंगे कायाकल्प- अजय चंद्राकर
अवार्ड समारोह के दौरान स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि- शंकराचार्य जी को चार बार जीवन मिला था. एक जब वह 8 साल के थे, दूसरा तब जब वह 16 साल के थे, तीसरा जब वह 24 साल के थे और चौथा जब वह 32 साल के हुए. क्योंकि उन्होंने अपना कार्य पूरा नहीं किया था. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने तीन बार राज्य का कायाकल्प किया है. अब चौथी बार भी राज्य का कायाकल्प करेंगे. अजय चंद्राकर ने कहा कि स्वास्थ्य महकमे में बेहतर काम के लिए किसी भी तरह की कोई कमी सरकार नहीं होने देगी. स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकार के पास पर्याप्त बजट हैं. पैसों की कभी कोई कमी नहीं होगी.
गरीब आदमी आज डाॅक्टर नहीं बन सकता- रमेश बैस
इधर समारोह में बीजेपी के वरिष्ठ सांसद रमेश बैस ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल भी उठाया. उन्होंने कहा कि आज मेडिकल की पढ़ाई महंगी हो गई है. पीजी करने के लिए तीन करोड़ रूपए लगते हैं. ऐसे में गरीब आदमी डाॅक्टरी नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि इतनी महंगी पढ़ाई के बाद एमबीबीएस करके निकलता है, तो खुद का हास्पीटल डालता है. बैंक लोन लेता हैं. लोन चुकाने के लिए डाॅक्टरों की फीस बढ़ जाती है. बैस ने कहा कि एक वक्त था, जब डाॅक्टर तीन खुराक दे दिया करते थे, फीस नाम मात्र का लेते थे, लेकिन आज डाॅक्टर के पास जाकर बैठों, तो तकलीफ पूछने और दवा लिखने के लिए पांच सौ रूपए देना पड़ जाता है. दवा की लिस्ट भी दे दिया जाता है. दवा की लिस्ट इतनी लंबी होती है कि बीमार की हालत और खराब हो जाती है. इलाज इतना महंगा हो गया है कि निम्न वर्ग के लोगों को इलाज कराना बहुत मुश्किल हो गया है. रमेश बैस ने कहा कि अस्पताल की बिल्डिंग ठीक हो जाए, साफ-सफाई हो जाए केवल इतने में ही काम नहीं चलने वाला, डाॅक्टर का व्यवहार ठीक हो तो मरीज की आधी बीमारी ठीक हो जाती है.
इन्हें मिला सम्मान-
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कैटेगरी में बलरामपुर के मुरकोल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रथम पुरस्कार दिया गया. वहीं शहरी स्वास्थ्य कैटेगरी में बिलासपुर के बांकीचौर को प्रथम पुरस्कार दिया गया. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोरबा प्रथम रहा, जिन्हें पंद्रह लाख रूपए का चेक प्रदान किया गया. जिला चिकित्सालय केंद्र कैटेगरी में पहला जशपुर, दूसरा बीजापुर और तीसरे स्थान पर कोरबा रहा.