रायपुर- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि विधानसभा में उनकी सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव हाल ही में गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के आम चुनावों में उसे मिली करारी हार मिली है. इस हार से उपजी खीज मिटाने उसके द्वारा छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. यह अविश्वास प्रस्ताव दरअसल कांग्रेस द्वारा विगत 14 वर्षों में भाजपा सरकार के खिलाफ उठाए गए पुराने और अप्रासंगिक हो चुके मुद्दों की ही कॉपी-पेस्टिंग है.
मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने सदन के बाहर मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा- छत्तीसगढ़ की जनता ने विगत चौदह वर्षों में विधानसभा के तीन आम चुनावों में वर्ष 2003, 2008 और 2013 में भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा जताया है. जनता के विश्वास की बदौलत ही भाजपा विगत चौदह वर्षों से सरकार में है और जनता की सेवा करते हुए राज्य को विकास की राह पर तेजी से आगे ले जा रही है, जबकि प्रदेश की जनता ने इस दौरान तीनों विधानसभा चुनावों में और लोकसभा के आम चुनावों में भी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पर अविश्वास प्रकट करते हुए उसे खारिज कर दिया है.
इतना लचर और कमजोर अविश्वास प्रस्ताव मैंने कभी नहीं देखा !
डॉ. रमन सिंह ने कहा- मैंने अपने राजनीतिक जीवन में इतना लचर और कमजोर अविश्वास प्रस्ताव कभी नहीं देखा. अविश्वास प्रस्ताव में जिन 168 बिन्दुओं को और 16 उप बिन्दुओं को कांग्रेस ने शामिल किया है, वे ऐसे मुद्दे है, जिन्हें वह वर्ष 2003, 2008 और 2013 की विधानसभा में भी प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण और स्थगन आदि के जरिए उठा चुकी है और सरकार की ओर से सदन में उनके जवाब भी दिए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने इस बार के अविश्वास प्रस्ताव में भी इन्हीं पुराने मुद्दों को कॉपी-पेस्ट करते हुए दोहराया है. डॉ. सिंह ने कहा-अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस द्वारा छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के खिलाफ जो आरोप पत्र दिया गया है, वह बेबुनियाद है और झूठ का पुलिन्दा है. यहां तक की सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामले को भी अविश्वास प्रस्ताव के आरोप पत्र में डाल दिया गया है और कई मुद्दे तो ऐसे डाले गए है, जो अदालतों में खारिज हो चुके हैं. इससे यह साफ पता चलता है कि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर गंभीर नहीं है.
कांग्रेस मुक्त से अब ’कांग्रेस विलुप्त’ भारत !
मुख्यमंत्री ने कहा- देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की जनता ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रूप में मिले एक सुदृढ़ विकल्प पर भरोसा जताया है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचण्ड विजय के बाद देश के 18 राज्यों में चुनाव हुए, जिनमें से सिर्फ एक राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी. अब केन्द्र तथा 19 राज्यों में भाजपा और सहयोगी दलों की सरकार बन चुकी है. वर्ष 2017 में भाजपा ने पूरे देश में सात में से छह चुनाव में 940 में से 550 सीटें जीती और जबकि कांग्रेस ने 237 सीटें. इस प्रकार नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने जिस कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था, वह न केवल साकार हो रहा है, बल्कि देश अब कांग्रेस विलुप्त भारत की ओर बढ़ रहा है. उसकी हालत दयनीय हो गई है. लगभग 121 करोड़ की आबादी के भारत में आज 70 प्रतिशत जनता का प्रतिनिधित्व भारतीय जनता पार्टी कर रही है.
डॉ. रमन सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस द्वारा लगाए गए विभिन्न आरोपों पर तीखे कटाक्ष करते हुए कहा-विपक्षी कांग्रेस को आरोप लगाने की आदत है. उन्होंने कहा- कांग्रेस की नजर में हमारी सरकार द्वारा गांव, गरीब और किसानों, आदिवासियों, अनुसूचित जातियों और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए काम करना अगर अपराध है तो मैं आरोपी हूं. उन्होंने कहा-तेन्दूपत्ता श्रमिकों की मजदूरी 450 रूपए से बढ़ाकर ढाई हजार करना, उन्हें मुफ्त चरणपादुका देना, आदिवासी क्षेत्रों में लाखों गरीब परिवारों को प्रोटीन युक्त चना देना, आदिवासी क्षेत्रों की नई पीढ़ी के बच्चों के लिए दंतेवाड़ा में एजुकेशन हब बनाना, बीजापुर में मेट्रोसिटी जैसा अस्पताल बनाना, बस्तर और सरगुजा के विकास के लिए प्राधिकरण बनाना, मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज खोलना, 11 नये जिले बनाकर प्रशासन को जनता के पास पहुंचाना अगर जुर्म है तो मैं आरोपी हूं.
उन्होंने कांग्रेस से कहा-छात्रावास, आश्रम शाला, पोटाकेबिन और प्रयास विद्यालय जैसी संस्थाएं स्थापित करना, आदिवासी बेटे-बेटियों को डॉक्टर, इंजीनियर और प्रशासनिक अधिकारी बनाना, अनुसूचित जातियों के विकास के लिए प्राधिकरण की स्थापना, मंगल भवन, सड़क और अधोसंरचना विकास, जाति प्रमाण पत्र बनाने के नियमों का सरलीकरण, गिरौदपुरी धाम में विश्व के सबसे ऊंचे जैतखाम का निर्माण, माननीय राष्ट्रपति जी को गिरौदपुरी आमंत्रित करना अगर जुर्म है तो मैं आरोपी हूं.
डॉ. सिंह ने सवाल उठाया -क्या छत्तीसगढ़ के गरीबों के लिए देश का पहला खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा कानून बनाना, उन्हें सिर्फ एक रूपए किलो में चावल देना, जनता के लिए आदर्श पीडीएस के तहत राशन वितरण की उत्तम व्यवस्था करना, मनरेगा में 150 दिन का रोजगार देना, 16 लाख बीपीएल परिवारों को एकल बत्ती कनेक्शन देना और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 35 लाख घरों में रसोई गैस कनेक्शन पहुंचाने की दिशा में तेजी से काम करना अपराध है? क्या हर गरीब को आवास देने में अव्वल आना, राज्य के सभी परिवारों को स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 50 हजार रूपए तक सालाना निःशुल्क इलाज की सुविधा देना, प्रदेश में कुपोषण की दर को 52 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत पर लाना, शिशु मृत्युदर को 70 से घटाकर 39 और मातृ मृत्यु दर को 379 से घटाकर 221 पर लाना, जिला अस्पतालों की संख्या 16 से बढ़ाकर 27 करना और आठ नये मेडिकल कॉलेज खुलवाना क्या अपराध है? अगर ये अपराध है तो मैं आरोपी हूं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया-छत्तीसगढ़ को देश का पहला बिजली कटौती मुक्त राज्य और सरप्लस बिजली वाला राज्य बनाना, सिंचाई क्षमता 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 36 प्रतिशत करना, राज्य में फोर-लेन और सिक्स-लेन सड़कों का जाल बिछाना क्या अपराध है? अगर है तो मैं आरोपी हूं.
मुख्यमंत्री ने कहा-किसानों को खेती के लिए बिना ब्याज ऋण सुविधा देना, सिंचाई पम्प कनेक्शनों की संख्या 72 हजार से बढ़ाकर साढ़े चार लाख करना, किसानों को सिंचाई के लिए 7500 यूनिट तक सालाना मुफ्त बिजली देना, सूखा पीड़ित किसानों को राहत देना, पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करना, बेटियों को स्कूल से कॉलेज तक निःशुल्क शिक्षा देना अगर जुर्म है तो मैं आरोपी हूं. उन्होंने यह भी कहा-युवाओं और छात्र-छात्राओं के लिए राज्य में एनआईटी, आईआईटी, ट्रिपल-आईटी जैसे उच्च तकनीकी संस्थान खोलना, रायपुर में एम्स की स्थापना, सभी 27 जिलों में युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए लाईवलीहुड कॉलेज की स्थापना, युवाओं को कौशल विकास का कानूनी अधिकार देना अगर जुर्म है तो मैं आरोपी हूं. अगर राज्य में रेल नेटवर्क को दोगुना करने और निर्धारित लक्ष्य से एक साल पहले छत्तीसगढ़ को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) राज्य बनाने में हमें सफलता मिल रही है और यह कोई जुर्म है तो मैं आरोपी हूं.