राजस्थान में एक बार फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी फिर डोलने लगी है. इस बात का दावा पायलट गुट के समर्थक माने जाने वाले विधायक और एससी कमीशन के चेयरमैन खिलाड़ी लाल बैरवा ने किया है. उनकी मानें तो विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है. जानकारी के मुताबिक रायपुर में होने जा रहे कांग्रेस के महाधिवेशन के बाद किसी भी वक्त राजस्थान में नेतृत्व बदल सकता है. पत्रकारों से चर्चा करते हुए बैरवा ने ये बातें सचिन पायलट के आवास के बाहर की कही.
बता दें कि रायपुर में 24 से 26 फरवरी के बीच कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है. इसके मद्देनजर ये अटकलें लगाई जा रही है कि इसके बाद हाई कमान राजस्थान को लेकर कभी भी फैसला कर सकता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट को पार्टी की संपत्ति बताते हुए बैरवा ने कहा कि गहलोत को पार्टी की फिक्स्ड डिपॉजिट और पायलट को वर्किंग कैपिटल बताया. इससे पहले बुधवार को खुद सचिन पायलट ने अनुशासनात्मक कार्रवाई में देरी को लेकर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने सीएलपी बैठक के बहिष्कार और स्पीकर को इस्तीफा सौंपने के लिए बनाए गए कथित दबाव की जांच की मांग की थी.
जल्द फैसले लेने की जरुरत- पायलट
पायलट ने कहा था कि यदि राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने का ट्रेंड तोड़ना है तो कांग्रेस से जुड़े मसलों पर जल्द फैसले लेने की जरुरत है. गौरतलब है कि सितंबर के अंत में बुलाई गई सीएलपी में पायलट को सत्ता सौंपने की अटकलें थीं.
हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है जब इस तरह की अटकलें लगाई जा रही है. इसके पहले भी पायलट को राजस्थान की कमान सौंपे जाने की बातें सत्ता के गलियारों में कई बार हो चुकी है.
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