राजधानी में मद्य निषेध विभाग ने नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में सीएम और मद्यनिषेध विभाग के मंत्री समेत तमाम मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए.

इस कार्यक्रम में सीएम ने जनता को संबोधित भी किया. उन्होंने कहा कि नशा सेहत और स्वस्थ समाज के लिए अच्छा नहीं है, इसलिए शराब छोड़ दें. शराब का धंधा छोड़ने वालों को राज्य सरकार 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी.

शराब का धंधा छोड़ने वालों को 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को शराब से मुक्त करने के लिए अभियान चला रही है. सरकार पूरी तरह से मिशन मोड में लगी हुई है, फिर भी कुछ गड़बड़ करने वाले लोग गड़बड़ कर रहे हैं.

उनकी सरकार का प्रयास है कि पूर्ण शराबबंदी से बिहार में खुशहाली आए. इसलिए जो लोग शराब का कारोबार कर रहे हैं, उन्हें इसे छोड़ देना चाहिए और सरकार द्वारा दी जा रही मदद का लाभ उठाना चाहिए.

सीएम नीतीश ने अधिकारियों को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच पर मौजूद पटना के डीएम और एसएसपी को भी पटना जिले में पूर्ण शराबबंदी लागू करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना बिहार की राजधानी है और जहां विशेष निगरानी की जरूरत है.

इसलिए आप लोग इस पर काम करें और ध्यान दें. साथ ही उन्होंने हॉल में मौजूद अधिकारियों को नसीहत भी दी. सीएम ने कहा कि अगर समाज का कल्याण करना है तो समाज को नशामुक्त बनाकर ही किया जा सकता है.

विभाग को पूर्ण शराबबंदी अभियान को तेज करना चाहिए
उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी पूर्ण शराबबंदी अभियान को आगे बढ़ाने के काम में तेजी लाएं, ताकि बड़े शराब तस्करों को पकड़ा जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि वह शराब बनाने का धंधा छोड़ देंगे, सरकार उनकी आर्थिक मदद कर रही है.

सरकार भविष्य में भी मदद करती रहेगी. सरकार अब तक 40000 से अधिक लोगों को आर्थिक सहायता देकर अन्य व्यवसाय में लगाने का काम शुरू कर चुकी है. जिन लोगों को कार्यक्रम चलाकर शराब की जगह दूसरे धंधे में लाना है, उनके लिए विभाग काम कर रहा है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार उन लोगों की मदद करेगी, जो शराब बेचना या ताड़ी बेचना बंद करते हैं. इसके तहत जो लोग शराबबंदी से पहले शराब का धंधा करते थे और शराबबंदी के बाद बेरोजगार हो गए थे, उन्हें नया रोजगार दिलाने के लिए राज्य सरकार को 60 हजार रुपये दिए गए थे. इस योजना में अब तक 40 हजार से अधिक परिवारों को लाभ दिया जा चुका है. राज्य सरकार अब 60 हजार से बढ़ाकर एक लाख करने जा रही है. अगर शराब और ताड़ी बेचने वाले इस धंधे को छोड़ दें तो सरकार उन्हें यह रकम देगी.

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