रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय माताश्री के संबंध में कांग्रेस और राजद नेताओं द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी को अत्यंत आपत्तिजनक बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि वाणी ही मनुष्य के संस्कारों का सचित्र प्रतिबिंब होती है और इस प्रकार की अभद्र टिप्पणी विपक्षी दलों के दोषपूर्ण संस्कारों का दर्पण है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश ही नहीं, विश्व के भी सम्मानित नेता हैं। उनकी स्वर्गीय माताश्री पर अशोभनीय टिप्पणी करना न केवल एक व्यक्ति विशेष का अपमान है बल्कि भारतीय संस्कृति में मां जैसे पवित्र शब्द का भी अपमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी संकीर्ण मानसिकता किसी भी तरह से लोकतांत्रिक मूल्यों और भारतीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है।

मुख्यमंत्री ने अपने X हैंडल पर प्रधानमंत्री के उस उद्बोधन का वीडियो साझा किया, जिसमें प्रधानमंत्री ने बिहार की जनता को संबोधित करते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह वेदना पूरे देशवासियों की वेदना है और हर भारतीय इस अमर्यादित टिप्पणी से आहत हुआ है। साय ने आगे कहा कि सुसंस्कृत समाज में मां का स्थान सर्वोच्च माना गया है। भारतीय संस्कृति में मां को ईश्वर से भी बढ़कर स्थान दिया गया है। ऐसे में किसी भी राजनैतिक मतभेद या वैचारिक असहमति के बावजूद किसी की माताश्री के संबंध में अपमानजनक टिप्पणी करना सभ्य आचरण के सर्वथा विपरीत है
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने पोस्ट में संस्कृत का एक श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि “केयूरा न विभूषयन्ति पुरुषं हारा न चन्द्रोज्ज्वला:। न स्नानं न विलेपनं न कुसुमं नालङ्कृता मूर्धजा:॥ वाण्येका समलङ्करोति पुरुषं या संस्कृता धार्यते। क्षीयन्ते खलु भूषणानि सततं वाग्भूषणं भूषणम्॥” इस श्लोक का अर्थ स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य का वास्तविक आभूषण उसकी वाणी है। गहने और अलंकरण समय के साथ क्षीण हो जाते हैं, किंतु सुसंस्कृत वाणी ही व्यक्ति का स्थायी आभूषण होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और राजद के नेताओं द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणियां उनके संस्कारों की कमी और विचारहीन राजनीति का द्योतक है। उन्होंने कहा कि जनता सब कुछ देख रही है और समय आने पर ऐसे संस्कारहीन आचरण को उचित उत्तर देगी।
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