नितिन नामदेव, रायपुर। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कल 29 मई से शुरू हो रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि यह कृषि क्षेत्र में प्रधानमंत्री के “लैब टू लैण्ड” मंत्र को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह एक देश-एक कृषि-एक टीम की अवधारणा को मजबूती देगा. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के इस अभियान की छत्तीसगढ़ में शुरुआत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आरंग विधानसभा के भैंसा गांव में करेंगे.

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कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि कृषि कार्यों हेतु प्रत्येक राज्य की अपनी खरीफ-पूर्व तैयारियाँ होती है. इनसे बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए राज्य की तैयारियों एवं इस अभियान को एकीकृत किया जा रहा है.

इस अभियान के मुख्य उद्देश्यों में “क्षेत्र विशेष में प्रमुख खरीफ फसलों की आधुनिक कृषि पद्धतियों के बारे में किसानों को जागरूक करना”, “किसानों के लिए लाभकारी विभिन्न शासकीय योजनाओं और नीतियों के बारे में जानकारी प्रसारित करना”, “मृदा स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग को प्रचारित करना ताकि सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए किसानों द्वारा उचित निर्णय लिया जा सके”. “रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण और उचित उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना” तथा “जमीनी स्तर पर नवाचारों के बारे में किसानों से फीडबैक एकत्र कर उसके अनुसार अनुसंधान की प्राथमिकताओं का निर्धारण करना” सम्मिलित हैं.

इस अभियान का कियान्वयन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा राज्य शासन के कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों द्वारा किया जाएगा. यह अभियान छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त 33 जिलों में चलाया जाएगा, जिसमें कुल 100 दलों द्वारा 2,600 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. प्रत्येक जिले में 3 दलों का गठन होगा, तथा प्रत्येक दल एक दिन में दो स्थानों पर कार्यकम आयेजित करेगा.

प्रत्येक दल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के 3-4 वैज्ञानिक तथा राज्य शासन के कृषि, उद्यानिकी, मछलीपालन एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी सम्मिलित रहेंगे, जो जनजातीय, आकांक्षी और भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता देंगे.

कलेक्टर के मर्गदर्शन में कृषि एवं संबद्ध विभाग आपसी समन्वय से अभियान का क्रियान्वयन करेंगे. जिला स्तर पर अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए जिले के उप संचालक कृषि को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. अभियान के क्रियान्वयन के संबंध में राज्य स्तर से जिलों के उप संचालक कृषि को विस्तृत निर्देश जारी किए जा चुके हैं.

अभियान की निगरानी एवं पर्यवेक्षण हेतु राज्य स्तर पर संचालनालय कृषि में तथा जिला स्तर पर कार्यालय उप संचालक कृषि में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसमें कृषि के साथ उद्यानिकी, मछलीपालन एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी भी सम्मिलित हैं.

प्राकृतिक और जैविक खेती के लिए करेंगे प्रोत्साहित

अभियान के दौरान विभिन्न स्थानों पर दल जाकर उन्नत तकनीक एवं नई किस्मों के संबंध में किसानों को जागरूक करेंगे, प्राकृतिक खेती तथा जैविक खेती का प्रचार-प्रसार एवं इसे अपनाने किसानों को प्रोत्साहित करेंगे. मृदा के स्वास्थ्य को बनाये रखने जैविक खाद/जैव उर्वरक को प्रोत्साहित करेंगे. वहीं मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) में फसलवार अनुशंसित मात्रा अनुसार संतुलित उर्वरक के उपयोग के लिए किसानो को जागरूक एवं प्रोत्साहित करेंगे.

कृषि-ड्रोन के जरिए तरल उर्वरक छिड़काव का प्रदर्शन

कृषि विज्ञान केन्द्र, आई.सी.ए.आर. संस्थान और इफको द्वारा कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग पर प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा. किसानों के बीच जागरूकता लाने के लिए सूचना एवं प्रसार प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा धान की कतार बोनी (Line Sowing) / DSR मशीन से बोनी, पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपाई एवं सोयाबीन की फसल में मशीनीकरण (Ridge and furrow प्रणाली, बी.बी.एफ. आदि) जैसी अन्य उन्नत फराल तकनीकी का प्रसार करेंगे.

दलहन-तिलहन के उत्पादन के लिए करेंगे प्रोत्साहित

इसके साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड हेतु किसानों को प्रोत्साहित करेंगे. फसल चक्र परिवर्तन धान के बदले अन्य लाभदायी फसल, जैसे दलहन, तिलहन, मक्का, लघु-धान्य फसलें इत्यादि के उत्पादन हेतु किसानों को प्रोत्साहित करेंगे. सिंचाई संसाधनों के समुचित उपयोग हेतु ड्रिप, स्प्रिंकलर एवं जल संरक्षण / संर्वधन के तकनीकों की जानकारी देंगे. कृषि एवं संबद्ध विभागों में संचालित केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देंगे.