रायपुर- छत्तीसगढ़ में अब उन बच्चों के चेहरे पर खिलखिलाहट दिखेगी, जिनकी मासूमियत पर मधुमेह ने शिकंजा कस रखा था. मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने देश में अनूठी पहल करते हुए मुख्यमंत्री बाल मधुमेह सुरक्षा योजना का शुभारंभ किया है. योजना के तहत मधुमेह से पीड़ित बच्चों का निशुल्क इलाज किया जाएगा. अंबेडकर अस्पताल के आॅडिटोरियम में आय़ोजित कार्यक्रम में आयोजित समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने मधुमेह पीड़ित बच्चों को निशुल्क इंसुलिन, ग्लूकोमीटर, ग्लूकोस्ट्रीप समेत कीट वितरित किया. योजना के पहले चरण में दो हजार बच्चों का यह किट वितरित किया गया.
मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मधुमेह पीड़ित बच्चों के लिए यह योजना मील का पत्थर साबित होगी. यह मेरे लिए सबसे बड़ा खुशी का मौका है. सीएम ने कहा कि मधुमेह पीड़ित बच्चों के परिवार में इस बीमारी के कारण तनाव रहता है, तो दूसरी ओर दवाओं पर होने वाले खर्च का बोझ परिवार के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है. इस योजना से ऐसे परिवारों को राहत मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि 0 से 14 वर्ष तक के बच्चों का इस योजना के लिए टोल फ्री टेलीफोन नम्बर 104 पर पंजीयन कराया जा सकता है, 21 वर्ष तक की आयु ऐसे बच्चों को इस योजना में नि:शुल्क इंसुलिन प्रदान किया जाएगा.
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना और मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना के बाद आज मुख्यमंत्री बाल मधुमेह सुरक्षा योजना की शुरूआत करते हुए मुझे सबसे ज्यादा संतोष हो रहा है. इन योजनाओं की शुरूआत से मुझे यह लग रहा है कि मेरा मुख्यमंत्री बनने का उद्देश्य पूरा हो रहा है. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अम्बेडकर चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज के लिए लगभग 30 करोड़ रूपये की लागत की विभिन्न सुविधाओं का लोकार्पण भी किया. इनमें एक करोड़ 16 लाख रूपये की लागत का माड्यूलर किचन, तीन करोड़ रूपये की लागत से पीडियाट्रिक आईसीयू डेढ़ करोड़ रूपये की लागत से स्थापित सीआर सिस्टम मशीन, एक करोड़ रूपये की लागत डीआर सिस्टम, चार करोड़ की लागत से छात्र पीजी छात्रावास चिकित्सालय विस्तार के लिए 10 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित नवीन भवन और चिकित्सालय महाविद्यालय के लिए 10 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित भवन शामिल है.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ”मुख्यमंत्री बाल मधुमेह सुरक्षा योजना की पुस्तिका का विमोचन भी किया. उन्होंने मधुमेह बच्चों को संबोधित करते हुये कहा कि मधुमेह से डरने की जरूरत नहीं है. यदि सही इलाज लिया जाए तो स्वस्थ्य जीवन व्यतीत किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बच्चों में आत्मविश्वास होना चाहिए. उन्होंने डा. अंबेडकर चिकित्सालय और मेडिकल कालेज के अध्यापकों, डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सों की सराहना करते हुये कहा कि आप लोग प्रदेश की जनता को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के मिशन पर अच्छा काम कर रहे है. उन्होंने कहा कि हमें अपनी आलोचना भी सुननी चाहिए इससे सुधार का मौका मिलता है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये स्वास्थ्य अजय चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी सुधार हुआ है. एक दशक में पांच मेडिकल कालेज प्रारंभ हुआ है. जिला अस्पतालों की संख्या 17 से बढ़कर 27 हो गई है. दूरस्थ अंचलों में भी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही है. उन्होंने बताया कि बाल हृदय सुरक्षा योजना के तहत अब तक 6400 बच्चों के हृदय का सफल आपरेशन हो चुका है. प्रदेश में संस्थागत प्रसव का प्रतिशत 17 से बढ़कर 67 प्रतिशत हो गया है. प्रदेश में टीकाकरण का प्रतिशत बढ़कर 76 प्रतिशत हो गया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू ने स्वागत भाषण देते हुये योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त आर प्रसन्ना संचालक रानू साहू मेडिकल कालेज के डीन डा. विवेक चौधरी सहित अनेक चिकित्सक, मधुमेह पीडि़त बच्चे और उनके परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
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