रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज तातापानी महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन कर स्थानीय कला, संस्कृति और सरकारी योजनाओं के प्रभाव को करीब से देखा। मुख्यमंत्री साय ने राजपुर के आरा ग्राम के निवासी शिवमंगल से मुलाकात की, जो 25 वर्षों से कुम्हार का काम कर रहे हैं।

शिवमंगल ने बताया कि विद्युत चाक मिलने से उनकी जीविका चलाना आसान हुआ है। उनका परिवार पारंपरिक मिट्टी के बर्तन बनाकर सालाना 2-3 लाख रुपये की आय अर्जित कर रहा है। शिवमंगल की कला को महोत्सव में प्रदर्शित किया गया, जहां मटके, कुल्हड़ और अन्य मिट्टी के बर्तनों की जीवंत प्रदर्शनी लगाई गई। मुख्यमंत्री ने पारंपरिक कला को प्रोत्साहन देने के लिए उनकी सराहना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बुनकर सौदन सिंह के आग्रह पर गांधीजी के आत्मनिर्भरता के प्रतीक चरखे को भी चलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने 28 विभागों द्वारा लगाए गए थीम-आधारित स्टॉलों का अवलोकन किया। इन स्टॉलों में आजीविका मॉडल, अमृत सरोवर, जैव विविधता संरक्षण, जैविक खेती, उन्नत कृषि तकनीक, फूलों की खेती, सौर सुजला योजना, जल जीवन मिशन, यातायात जागरूकता, पशु रोग नियंत्रण और नालंदा परिसर मॉडल जैसी योजनाओं का प्रदर्शन किया गया। श्रृंगार सदन स्टॉल में लाइव बैंगल और चूड़ियां बनाने की विधि का प्रदर्शन किया गया। मिलेट कैफे में स्थानीय मिलेट से बने स्वादिष्ट भोज्य पदार्थों की प्रदर्शनी लगी, जबकि ट्राइबल फूड स्टॉल में आदिवासी परंपरा, वाद्य यंत्र, बांस की कलाकृतियां और देवगुड़ी की झलक प्रस्तुत की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रदर्शनियों के माध्यम से स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने स्टॉल संचालकों और प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन स्थानीय कला, संस्कृति और सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का बढ़िया माध्यम है।