रायपुर। प्रमुख सचिव अमन सिंह ने बुधवार को कोर्ट में माणिक मेहता के खिलाफ आपराधिक मानहानि का प्रकरण दायर किया है। माणिक मेहता ने सिंह पर देश-विदेश में अरबों रुपए की संपत्ति होने का आरोप लगाया था। अमन सिंह ने आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और पूरी तरह से असत्य बताया था। उन्होंने माणिक को आपराधिक प्रवृत्ति का बताते हुए कोर्ट से आपराधिक मानहानि का अपराध दंडित करने का आग्रह किया है।
सिंह ने आज प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी शिवप्रकाश त्रिपाठी के समक्ष अधिवक्ता राकेश श्रोती और मोहम्मद अलाउद्दीन के साथ उपस्थित होकर मानहानि के प्रकरण का परिवाद प्रस्तुत किया है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 499 तहत 500 के तहत यह परिवाद प्रस्तुत किया गया है।
न्यायिक दण्डाधिकारी के समक्ष अपने कथन में सिंह ने कहा कि मेरे द्वारा अवैध रूप से देश और विदेशों में कथित रूप से संपति अर्जित करने के माणिक मेहता के आरोप असत्य, दुर्भावनापूर्ण और तथ्यात्मक वस्तुस्थिति से विपरीत हैं। माणिक मेहता द्वारा वाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया में प्रसारित आरोप से छवि को गहरा धक्का लगा है।
परिजनों से व्यावसायिक साझेदारी नहीं
परिजनों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि उनके भाई आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं और उनका अपना स्वतंत्र व्यवसाय है। छत्तीसगढ़ में उनकी किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधि नहीं है। न भाइयों से उनकी किसी तरह की व्यावसायिक साझेदारी है। उनके परिजन स्वतंत्र रूप से जीविकोपार्जन करते हैं।
माणिक की आपराधिक प्रवृत्ति
अमन सिंह ने कहा है कि माणिक मेहता की पृष्ठभूमि आपराधिक है और इन पर रायपुर जिले में 7 और दुर्ग जिले में विभिन्न पुलिस थानों में 3 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। उन्होंने प्रार्थना की कि ऐसी स्थिति में माननीय न्यायालय माणिक मेहता को उसके कृत्य के लिए आपराधिक मानहानि के अपराध में दण्डित करे ।