रायपुर। प्रदेशभर में धान की अंतर्राज्यीय अवैध खरीदी-बिक्री और परिवहन पर रोक लगाने प्रशासन पूरी तरह सक्रिय नजर आ रहा है. जिसके तहत मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल ने मंत्रालय महानदी भवन से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी संभाग आयुक्तों, जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों, वन मण्डल अधिकारियों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और सहकारिता विभाग के अमले को निर्देशित किया है कि धान खरीदी (एक दिसम्बर 2019 से 15 फरवरी 2020) के दौरान और उससे पहले अभियान चलाकर धान के अंतर्राज्यीय अवैध परिवहन पर कड़ाई से रोक लगाने हर संभव कार्रवाई की जाए.

मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ ही अन्य जिलों में भी चेक पोस्ट बनाकर इलाके की पेट्रोलिंग की जाए. धान के अवैध खरीदी और परिवहन से जुड़े बिचैलियों और अन्य व्यक्तियों को चिन्हांकित करके उनके विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए. खरीदी केन्द्र तक पहुंचने वाले मुख्य सड़कों की पेट्रोलिंग के साथ ही अन्य मार्गो की भी निगरानी की जाए. इसके साथ ही वनोंपजों की अवैध परिवहन की जांच के लिए बनाए गए चैकी-नाकों पर भी कर्मचारियों की तैनाती की जाए और धान के अवैध परिवहन करने वालो की धर-पकड़ की जाए. इस कार्य में संलिप्त वाहनों के विरूद्ध भी वाहनों को जब्त किया जाए और उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए. वन मार्गो से भी धान के अवैध परिवहन की निगरानी की जाए. आर.पी. मण्डल ने कहा है कि धान खरीदी से पूर्व किसानों के रकबे का सत्यापन गिरदावरी के आधार पर कर लिया जाए और कस्टम मिलिंग से जुड़े हुए राईस मिलरों के धान के स्टाक (भण्डार) का सत्यापन कर लिया जाए. धान खरीदी के लिए किसानों को जारी किए जाने वाले टोकन और किसान के फसल (रकबे के आधार पर) का भी सत्यापन करने के निर्देश उन्होंने दिए है.

मण्डल ने कलेक्टरों से कहा कि नरवा, गरवा, घुरवा, बाडी का क्रियान्वयन राज्य में प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है. वर्तमान में एक हजार नालों का वैज्ञानिक आधार पर प्रबंध करने का लक्ष्य रखा गया है. जिससे क्षेत्र के लोगों को बारह महीना पेयजल और निस्तारी के साथ ही सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सके. इसी तरह तीन हजार गौठानों को भी स्थापित किया जाना है. इसके लिए सभी जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश उन्होंने दिए है. धान कटाई के बाद रोजगार गारंटी के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में काम शुरू किए जाएंगे. इसके लिए अभी से कार्यो का चिन्हांकन और उसकी स्वीकृति की कार्रवाई कर लिए जाने निर्देशित किया गया है. उन्होंने स्वसहायता समूहों को विभिन्न आय उपार्जक गतिविधियों से जोड़ने के निर्देश दिए है. इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी, मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, सचिव खाद्य डाॅ. कमलप्रीत सिंह, संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ सुश्री शम्मी आबदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.